जहानाबाद । विश्व टेलीविजन दिवस के अवसर पर विश्व हिंदी परिषद के आजीवन सदस्य साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि आधुनिक समाज पर टेलीविजन के प्रभाव और प्रभाव को पहचानने के लिए प्रत्येक वर्ष 21 नवम्बर को विश्व टेलीविजन दिवस व विश्व दूरदर्शन दिवस मनाया जाता है । संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 नवंबर 1996 में प्रथम विश्व टेलीविजन फोरम का आयोजन में विश्व के मीडिया हस्तियों ने टेलीविजन के बढ़ते महत्व पर चर्चा करने के बाद संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने प्रतिवर्ष 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस मनाने का निर्णय किया था । भारत के प्रथम टेलीविजन स्टेशन, “टेलीविजन इंडिया की स्थापना 1959 ई. में यूनेस्को की मदद से किया गया था । टीवी प्रसारण सप्ताह में दो दिन, एक घंटे के लिए होने के बाद 1965 में, टेलीविजन इंडिया का नाम बदलकर “दूरदर्शन” कर प्रतिदिन प्रसारण किया जाता था। 1970 के दशक में, भारत में निजी टेलीविजन चैनलों की प्रारम्भ 1970 ई. के पश्चात प्रथम निजी टेलीविजन चैनल, “इंडिया टीवी”, 1989 में प्रारंभ होने के बाद अनेक निजी टेलीविजन चैनल शुरू हुए है। भारत में सैकड़ों टेलीविजन चैनल में समाचार, मनोरंजन, खेल, शिक्षा और धार्मिक कार्यक्रमों सहित कई अलग अलग तरह के कार्यक्रम प्रसारित होने लगे हैं। दूरदर्शन समाज और व्यक्ति की पहचान है ।