सीखने की कोई उम्र नहीं होती है : डॉ लीना मिश्र


सरल होना बहुत कठिन है: गुरु रवींद्रनाथ टैगोर





बालिका विद्यालय में गुरु रवींद्रनाथ टैगोर जयंती का आयोजन 


महान व्यक्तित्व के विषय में जानना और उनकी जयंती मनाने के बहाने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से परिचित होना ही नहीं बल्कि उसे अपनाना भी, छात्राओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। आज भारत विकास परिषद द्वारा बालिका विद्यालय मोती नगर में गुरु रविंद्र नाथ टैगोर जयंती का आयोजन किया गया। देवेंद्र नाथ टैगोर के सुपुत्र गुरु रवींद्रनाथ टैगोर महान कवि, नाटककार, लेखक और चित्रकार थे जिन्होंने जीवन के उत्तरार्ध में चित्र बनाना शुरू किया और एक महान चित्रकार के रूप में ख्याति प्राप्त की। विश्वभारती शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय उनकी परिकल्पना और अथक परिश्रम का परिणाम है। टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को और निधन 7 अगस्त 1941 को हुआ था। उनकी प्रमुख रचनाओं में, उपन्यास: गोरा, घरे बाइरे, चोखेर बाली, नष्टनीड़, योगायोग; कहानी संग्रह: गल्पगुच्छ; संस्मरण: जीवनस्मृति, छेलेबेला, रूस के पत्र; कविता : गीतांजलि, सोनार तरी, भानुसिंह ठाकुरेर पदावली, मानसी, गीतिमाल्य, वलाका; नाटक: रक्तकरवी, विसर्जन, डाकघर, राजा, वाल्मीकि प्रतिभा, अचलायतन, मुक्तधारा, शामिल हैं। वह पहले ग़ैर-यूरोपीय थे जिनको 1913 में साहित्य के लिए नोबल पुरस्कार दिया गया। वे एकमात्र कवि हैं जिनकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान 'जन गण मन' और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान 'आमार सोनार बाँग्ला' उनकी ही रचनाएँ हैं। कार्यक्रम का आयोजन ऋचा अवस्थी, मंजुला यादव और प्रतिभा रानी के निर्देशन में हुआ। कार्यक्रम संचालन में सीमा आलोक वार्ष्णेय और पूनम यादव का भी पूरा सहयोग रहा। विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉक्टर लीना मिश्र ने भारत विकास परिषद महिला शाखा चौक की सचिव श्रीमती मंजू अग्रवाल और सदस्य सुश्री रेखा दुआ का विद्यालय परिवार की ओर से स्वागत किया। तत्पश्चात रवींद्रनाथ टैगोर के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। उनकी जयंती के अवसर पर विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ जिसमें छात्राओं ने उनके प्रसिद्ध गीत एकला चलो रे को प्रस्तुत करते हुए एकल गीत प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। इसके साथ ही उनके द्वारा लिखी हिंदी और अंग्रेजी कविताओं का अत्यंत सुंदर प्रस्तुतीकरण किया गया। छात्राओं ने गुरु रवींद्रनाथ टैगोर के जीवन चरित्र, व्यक्तित्व और उनके विचारों को व्यक्त करते हुए निबंध भी लिखे। इन सभी आयोजित प्रतियोगिताओं में विजयी छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। एकल गीत प्रतियोगिता में कक्षा 7 की इलमा को प्रथम तथा रुखसार को द्वितीय पुरस्कार मिला। कविता गायन प्रस्तुतीकरण में कक्षा 8 की काजल तिवारी को प्रथम तथा कक्षा 12 की रिया को द्वितीय पुरस्कार मिला। निबंध प्रतियोगिता में कक्षा 10 की आराधना निषाद को प्रथम और कक्षा 8 की साहिबा को द्वितीय पुरस्कार मिला। कार्यक्रम में समस्त शिक्षिकाओं और छात्राओं ने पूरे उत्साह से प्रतिभाग किया।