अंबेडकर समान शिक्षा व्यवस्था के पक्षधर थे : डॉ लीना मिश्र





बालिका विद्यालय में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम में संविधान के प्रारूप तैयार करने से लेकर राष्ट्र के समेकित विकास में शिक्षा एवं रोजगार की स्थिति और अमृतकाल की संपूर्ण विकास यात्रा पर विधिवत चर्चा की गई। बताया गया कि डॉक्टर अंबेडकर की दूरदर्शिता के फलस्वरुप वैश्विक स्तर पर आज राष्ट्र गौरवान्वित हो रहा है। उनके विचारों को अमली जामा पहनाने में सरकारों के योगदान और आज के वैज्ञानिक, अभियांत्रिकी, शिक्षा, संस्कृति और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में हुए विकास की स्थिति से छात्राओं को रूबरू कराया गया।बताया गया कि 14 अप्रैल को क्यों समानता और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर का मानना था कि बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र सहित समस्त शिक्षिकाओं तथा छात्राओं द्वारा डॉक्टर अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पार्पण के द्वारा हुआ। फिर छात्राओं और शिक्षिकाओं द्वारा उनके जीवन के महत्वपूर्ण पक्षों और विचारों पर प्रकाश डाला गया। छात्राओं ने अंबेडकर जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को चित्रित भी किया। इस कार्यक्रम का आयोजन मंजुला यादव एवं प्रतिभा रानी के निर्देशन में हुआ।