लखनऊ 10 फरवरी 2024, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ के निराला सभागार में डॉ. प्रेमलता त्रिपाठी प्रणीत श्रुतकीर्ति ‘शत्रुघ्नप्रिया’ खण्डकाव्य के लोकार्पण समारोह का आयोजन – सायं 04 बजे से 08 बजे तक सम्पन्न हुआ जिसकी अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ. हरिशंकर मिश्र पूर्व प्रो. हिन्दी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ, मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. विद्योत्तमा मिश्र पूर्व प्रो. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, विशिष्ट अतिथि साहित्य भूषण श्री मधुकर अष्ठाना वरिष्ठ साहित्यकार, नवगीतकार लखनऊ, विशिष्ट अतिथि इं. शिवमोहन सिंह वरिष्ठ साहित्यकार, अध्यक्ष ‘उद्गार’ साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था देहरादून, उत्तराखंड, विशिष्ट अतिथि प्रो. डॉ. इन्दुरेखा सिंह कालाकाँकर प्रतापगढ़, , विशिष्ट अतिथि श्री राम कृष्ण सहस्र बुद्धे साहित्यकार, लेखक, साहित्यिक चिंतक नागपुर महाराष्ट्र तथा श्रुतकीर्ति ‘शत्रुघ्नप्रिया’ प्रणीत डॉ प्रेमलता त्रिपाठी संस्कृत साहित्यचार्य वरिष्ठ साहित्यकारों के साथ मंच पर आसीन रहीं । इस अवसर पर डॉ शोभनाथ शुक्ल कथाकार व सम्पादक कथा समवेत व लखनऊ के अनेक वरिष्ठ साहित्यकार, साहित्य प्रेमी, व गणमान्य जन उपस्थित रहे। मंचासीन अतिथियों का माला, अंग-वस्त्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। मंचासीन अतिथियों के साथ सभागार के वरिष्ठ साहित्यकारों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया जिसमें प्रमुख साहित्यकार प्रो. विश्वम्भर शुक्ल, छंदाचार्य आचार्य ओम नीरव, छंदकार श्री नरेन्द्र भूषण, डॉ. उमाशंकर शुक्ल ‘शितिकंठ’, छंदकार श्री अशोक कुमार पांडेय ‘अशोक’, डा. अजय प्रसून इत्यादि रहे। संचालन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ ने किया तथा सरस्वती वंदना वरिष्ठ साहित्यकार श्री घनानंद ‘मेघ’ जी ने पढ़ी । मंचीय अतिथियों नें पुस्तक श्रुतकीर्ति ‘शत्रुघ्नप्रिया’ खण्डकाव्य की समीक्षा करते हुए पुस्तक को जनोपयोगी बताया । आयोजक युगधारा फाउंडेशन महासचिव सौम्या मिश्रा व डॉ.प्रेमलता त्रिपाठी के पति व संयोजक इं अमरनाथ त्रिपाठी जी ने सभी साहित्यकारों व सभागार में उपस्थित आयोजन में सम्मिलित सुधीजनों का आभार व्यक्त किया ।