गौरैया संस्कृति संस्थान द्वारा आयोजित सांस्कृतिक सन्ध्या में बसंत, होली व कबीर के राम गाया गया"।

      संगीत नाटक अकादमी के वाल्मीकी रंगशाला  में कल गौरैया सं.सं द्वारा 8फरवरी2024 को स्व. प्रो कमला श्रीवास्तव  जी को श्रद्धाञ्जली देकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। राखी जयसवाल नें एक निर्गुण उनको समर्पित किया ।उसके पश्चात  संगीत मय कार्यक्रम की शुरुआत हुई। संस्था की संस्थापक व प्रशिक्षिका श्री मती रंजना मिश्रा ने  कार्यशाला में जो गीत  सिखाये थे उन गीतों में सुरसति मइया से करीला पुकार.. से शुभारंभ हुआ ।उसके पश्चात बसंत गीत पियरि पियरि सरसों...व रंग फागुन बसंती रंगा गइले राम..गायें जिस पर श्रोतागण झूमने पर मजबूर हुए।तत्पश्चात बजरा हम ना खइबे...गाने पर  सभी महिलाओ ने खूब नृत्य किया उसके पश्चात होली गीत प्रारंभ हुआ जिसमे लोगों को लगा कि अब होली आ गई।उसके बाद मुंबई से आये राजेश पाण्डेय जी ने कबीर को खूब गाया और गीतों के माध्यम से बताए कि कबीर के रोम रोम  में राम बसते थे ।राजेशजी के गीतों का उपस्थित सभी गणमान्यअतिथि इतना आनंद में डूबे कि वो उठना ही भूल गए। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय संस्था के प्रयास की खूब सराहना किए व विशिष्ठ अतिथि के रुप में सी.जी.एस.टी के अपर आयुक्त श्री उग्र सेन धर द्विवेदी,संस्कृति विभाग से गिरिश चंद्र  चौबे,दूरदर्शन से आत्मा प्रकाश मिश्र, आकाशवाणी से मीनू खरे कार्य क्रम में मौजूद रहे।संस्था की अध्यक्षअनुमेहा गुप्ता ने बताया कि कार्यशाला में,बीना सिंह,  आभा शुक्ला स्वाति गुप्ता, रेशमा, नीलम,  सुधा द्विवेदी, अर्चना  गुप्ता ,रेशमा ,साधना ,अवनीश,माधुरी सिंह, अपर्णा, अंजलि, लता, नवनीता, शशि सिंह,नीरजा,सीमा, साधना पाण्डेय, सहित कई महिलाओं ने ऑफलाइन व ऑनलाइन  कार्यशाला अमेरिका से माधु,सतना से लता तिवारी,बैंकाक से शशि सिंह, गोपाली,नवनीता जाफर,रागिनी, माधुरी इत्यादि महिलाएं शामिल हुई और विलुप्त हो रही लोक गीतों को सिखी व आगे बढाने का संकल्प लिए। संस्था के उपाध्यक्ष अमित श्रीवास्तव व केशव कुमार ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम और सरकारी व गैर सरकारी संस्थान का सहयोग मिलना चाहिए मीडिया प्रभारी गगन शर्मा ने बताया कि और लोगों को संस्था से जु ना चाहिए  जिससे और बङा कार्य किया जा सके।