लखनऊ। लोकजीवन में लोकधर्मिता के रूप में राम उपस्थित हैं। चौपाइयों और रामलीलाओं के माध्यम से लोक जीवन में रचे-बसे राम शास्त्रों और मंत्रों से परे अनपढ़ जन के मन में भी रमते हैं। एक-दूसरे से मिलने में भी राम-राम और अंतिम यात्रा की गति भी बिना राम नाम के सत्य नहीं होती।
ये बातें बुधवार को लोक चौपाल में साहित्यकार एवं लोक गायिका अर्चना गुप्ता ने कहीं। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा कैण्ट रोड स्थित सिंचाई विभाग के आफिसर्स क्लब में रामकथा प्रसंग और लोक जीवन पर आधारित लोक चौपाल में लोगों ने भगवान राम से जुड़े विविध प्रसंगों पर चर्चा की। इस अवसर पर भजनों की मनभावन प्रस्तुतियां भी हुईं।
कार्यक्रम का शुभारम्भ वरिष्ठ लोकगायिका पद्मा गिडवानी और विमल पन्त ने श्रीराम वन्दना से की। वरिष्ठ साहित्यकार डा. करुणा पाण्डे ने राम के उन गुणों का वर्णन किया जिससे वे मर्यादा पुरुषोत्तम बने। पुणे से आयीं भवतारिणी सुन्दरम अय्यर ने दशरथनन्दन अवध निरंजन बस अब तोरे चरनों में, कैलिफोर्निया से आयीं ऋतुप्रिया खरे ने मेरे मन में हैं रामा, नवनीता जफा ने मां जनकनंदिनी मांग सिन्दूर सजाये, डा. सरोजिनी सक्सेना ने हरिनाम सुमिर सुखधाम जगत में, रश्मि उपाध्याय ने अपने हम राम जी का भजिबै, अंजलि सिंह ने सखि सियवर की रंगीली झांकी, नीरा मिश्रा तेरी बन जायेगी राम गुन गाने से, वीना सक्सेना ने पायो जी मैंने राम रतन धन, सुषमा प्रकाश ने भरत भाई कपि से उऋण हम नाहीं, इन्दु सारस्वत ने ये चमक ये दमक फुलवन में महक, सौरभ कमल ने अवध में राम विराजै, कनक वर्मा ने मन्दिर बना है भव्य महान, अलका चतुर्वेदी ने राजाराम तुम्हारी जय होवे सुनाया। इसके अतिरिक्त शकुन्तला श्रीवास्तव, शशि मिश्रा, रत्ना शुक्ला, प्रतिमा बाजपेयी, ज्योति किरन रतन, रेखा अग्रवाल, रोली, आभा शुक्ला, अवनीश शुक्ला, रिंकी विश्वकर्मा, सत्यप्रकाश साहू, भजन गायक गौरव गुप्ता, चन्द्रेश पाण्डेय आदि ने भी भजन सुनाये। इस अवसर पर सर्वश्री सत्यप्रकाश गुलहरे, डा. अनिल गुप्ता, जीतेश श्रीवास्तव, निवेदिता भट्टाचार्य, सौम्या गोयल, गगन शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे। लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने कार्यक्रम का संचालन किया वहीं हेमन्त कुमार गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया।