अयोध्या श्री रामागम


 सैंकड़ों बरस बा द, आज फिर अयोध्या मे;

श्री राम की प्रतिष्ठा का , अवसर आया है। ।।1।।

त्रिलोक के सर्व, देव देवी आय अयोध्या में;

रामजी की सेवा में, मानुष तन पाया है। ।।2।।

राम अवतार में भी , यही घटना घटी थी ;

रूख, कपि,तन धारी,देव सब आय थे। ।।3।।

हनुमान , जाम्बवंत, सुग्रीव, विभीषण;

शोर्य सेवा भक्ति से, श्री राम मन भाये थे। ।।4।।

आज भी ऐसे हि देखो , नरेंद्र ,अमित,योगी ;

राम का मज करने, मनुष्य जन आय है। ।।5।।

कौन कौन देव है ये, बिचारो अपने मन;

बड़े बड़े लोगों को तो , देव दरसाय है। ।।6।।

लगता है मोदी, योगी,अमित शाह, देवदूत बन आये है। ।।7।।

क्रोधी लक्ष्मण जानो , योगी जी,

 दानवो को, चुन चुन किया सफाया  है। ।।8।।

अद्भुतद्भु ,अलौकिक, अशक्य, अकल्पनीय;

राम का मंदिर, विश्वकर्मा ने बना या है। ।।9।।

लोग कहे चंपतराय,अंश विश्वकर्मा का है;

अयोध्या में त्रेता युग, फीर लेके आया है। ।।10।।

ऐसे तो सहस्त्रो लोग, सेवा की श्री रामजी की ;

अयोध्या को सजाने मे , पसीना बहा या है। ।।11।।

ऐसे अवतारी , श्रमजी वी लो ग देवता है;

"वालम" ने श्रद्धा ,भक्ति सेवा मंत्र पा या है। ।।12

                                              लेखक ✍️श्री वालमभाई दवे बनासकाठा गुजरात 

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