आज दुनिया के अनेक देश सनातन को अपना रहे हैं-सदगुरु श्री ऋतेश्वर जी




देश में 10 वर्षों से राष्ट्रीयता कि सुगंध बह रही है-सदगुरु श्री ऋतेश्वर जी


लखनऊ। राजधानी में प्रवास  पर आये आनंदम धाम ट्रस्ट वृंदावन के संस्थापक एवं अध्यक्ष सदगुरु श्री ऋतेश्वर जी ने कहा कि भारत के पांच राज्यों में हुए चुनाव के दौरान श्री आनंदम धाम पीठ द्वारा चार राज्यों में लगातार मतदाताओं को जागरूक करने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया।  जागरूकता के कारण बडी संख्या में मतदाताओं ने अपना वोट अपने विवेक अनुसार देकर अपने प्रदेश और देश की दिशा और दशा तय करने में भागीदारी की है। पूज्य श्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगातार दो बार योगी आदित्यनाथ जी के चयन ने यह प्रमाणित किया है कि एक आध्यात्मिक व्यक्ति प्रदेश, देश और समाज को बेहतर तरीके से चला सकता है क्योंकि संत, महंत साधु बनने से पहले वो देश के जिम्मेवार नागरिक है।


 वर्तमान परिवेश पर वार्ता में सदगुरु ने कहा कि जब तक हमारे देश में शिक्षा व्यवस्था नहीं बदलेगी तब तक देश में सनातन अपने सही रूप में नहीं स्थापित हो सकता है। आज हमारी शिक्षा व्यवस्था अत्यंत दयनीय है। मैकाले द्वारा स्थापित शिक्षा व्यवस्था ने कई पीढियां को सनातन से विमुख किया है। आज हमारा सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए सनातन शिक्षा  बोर्ड। सनातन शिक्षा  पद्धति से शिक्षा से ही देश में लव जेहाद, धर्मांतरण, हिंसा, जातिवाद जैसी अनेक प्रकार की समस्याएं  पैदा नहीं होगी। जिस देश में केवल जातिवाद की राजनीति चलती थी वहां अब सनातन, राष्ट्रवाद और मानवता की बात हो रही है। सदगुरुदेव श्री ने नव चयनित प्रत्याशियों को आशीर्वाद और शुभकामना देते हुए हमारा देश केवल शाब्दिक ज्ञानी नही बल्कि विवेकी बने और पुनः विश्वगुरु बनकर विश्व का नेतृत्व करे इसके लिए पूरे भारत की जनता की तरफ से अपने सनातन शिक्षा नीति की मांग की है। प्राचीन विद्या पद्धति के अंतर्गत गुरुकुल की शिक्षा व्यवस्था और आधुनिक विज्ञान को जोड़कर हमें फ्यूजन गुरुकुल शिक्षा पद्धति बनाना होगी। आज देश में 10 वर्षों से राष्ट्रीयता कि सुगंध बह रही है । हमारे देश की खुशहाली को देखकर कुछ विदेशी ताकते तरह-तरह की षड्यंत्र करती रहती हैं ।कभी लाखों हिंदुओं को मारने वाले लुटेरों को महिमा मंडित करती हैं, वही ताकते देश में जातिवाद का जहर घोलने का प्रयास करती हैं । किसी तरह भारत की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था और प्रगति पर विराम लगा सके। इस षड्यंत्र में चंद्र पैसों के पास कारण अपने ही देश के लोग विदेशी ताकतों के रहनुमा बन जाते हैं ।हमें याद रखना होगा कि हमारे देश में लुटेरे चाहे मुगलों के रूप में आए हो या अंग्रेजों के रूप में उन्हें स्थापित करने वाले हमारे देश के ही गद्दार लोग थे जो सर, राय बहादुर की उपाधि पाकर क्रांतिकारियों को और देशभक्तों की हत्या करते थे इसी तरह का षड्यंत्र आज भी चल रहा है। कोई जाति के नाम पर पार्टी खड़ा करता है और फिर अपने पति को पत्नी को भाई को भतीजे को मंत्री, सांसद, विधायक बना देता है लेकिन समाज को मूर्ख बनाता है। आज देश में दो ही जातियां हैं एक गरीब और एक अमीर। गरीबों को ऊपर उठने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सबको मिलकर काम करना पड़ेगा। संवैधानिक व्यवस्था में आरक्षण चल रहा है वह तब तक चला रहे जब तक समाज के सभी वर्ग बराबरी के दर्जे पर नहीं आ जाते। देश में सनातन की सुगंध बह रही है सनातन से अमेरिका यूरोप सहित सभी देश प्रभावित है। सनातन का मतलब मानवता से है। विश्व बंधुत्व की भावना वसुदेव कुटुंबकम का जय घोष सनातन संस्कृति में ही होता है ।आज दुनिया के अनेक देश सनातन को अपना रहे हैं। मानवता को बचाना है तो सनातन के साथ आना होगा। सनातन का मतलब शाश्वत, सनातन का मतलब प्रेम, सनातन का मतलब शांति है।