- उ.प्र. लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान की ओर से मुखौटा एवं चित्रकला प्रदर्शनी आयोजित की गई
- समारोह के मुख्य अतिथि संस्कृति पर्यटन के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम थे
लखनऊ। राज्य ललित कला अकादमी, उ०प्र० एवं उ०प्र० लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में मुखौटो एवं चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन लाल बारादरी भवन, कैंसरबाग, लखनऊ में किया गया जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव, संस्कृति, पर्यटन एवं अध्यक्ष राज्य ललित कला अकादमी, उ०प्र० विशिष्ट अतिथि पूर्व उपाध्यक्ष राज्य ललित कला अकादमी, उ०प्र० श्री गिरीश चन्द्र मिश्रा द्वारा दीप प्रज्जलित कर किया गया।
राज्य ललित कला अकादमी, उoप्रo द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत 'मेरी माटी मेरा देश' विषयक चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें 124 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। प्रतिभागियों द्वारा सहित चित्रों का प्रदर्शन किया गया एवं उत्कृष्टता के आधार पर प्रथम पुरस्कार रू0 5100/- मो० फैजान, टेक्नो ग्रुप ऑफ इन्स्टीटयूट, द्वितीय पुरस्कार रू० 2100/- श्री आकाश कुमार, कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ, तृतीय पुरस्कार रू0 1100/- श्री प्रियांशु श्रीवास्तव, कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ एवं सांत्वना पुरस्कार रू0 500/- प्रति सुश्री आयुशी यादव, कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ, श्री अवनीश कुमार भारती, डॉ० शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुर्नवास वि०वि०, सुश्री पुष्पा कुमारी, टेक्नो ग्रुप ऑफ इन्स्टीटयूट को प्रदान किये गये सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह भी मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा दिये गये है। इस अवसर पर अनेक गणमान्य अतिथियों के साथ ही श्री दुर्जन सिंह राणा, डॉ० सोहन सिंह, श्री जितेन्द्र कुमार, डॉ० देवेन्द्र त्रिपाठी भी उपस्थित थे।
उ०प्र० लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, लखनऊ द्वारा मेरठ में पश्चिमी उ०प्र० की लोककला पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका संयोजन डॉ० दुर्जन सिंह राणा द्वारा किया गया। उरई में चितेरी कला पर आधारित कार्यशाला आयोजित की गयी। इसका संयोजन श्री रोहित विनायक द्वारा किया गया। शाहजहाँपुर में मुखौटो की कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका संयोजन श्री कप्तान सिंह कर्णधार द्वारा किया गया। अयोध्या में लोक कलाओं पर आधारित कार्यशाला का संयोजन सुश्री दीपा सिंह रघुवंशी, सुश्री संगीता सिंह, सुश्री वाणी शुक्ला, एवं सुश्री साक्षी सिंह द्वारा किया गया। उक्त चारों स्थानों पर आयोजित कार्यशालाओं में सृजित चित्रों को भी प्रदर्शित किया गया।
मुख्य अतिथि श्री मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव, संस्कृति, पर्यटन एवं अध्यक्ष राज्य ललित कला अकादमी, उoप्रo द्वारा आर्शीवचन में आज की युवा पीढ़ी को लोककला एवं संस्कृति से जोड़ने व उनके प्रति अभिरूचि जागृत करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन समय-समय पर करते रहना चाहिए शासन एवं जन भागीदारी से आयोजित इन कार्यक्रमों से कला एवं संस्कृति का विकास एवं प्रचार होगा क्योंकि कला के माध्यम से ही हम सौन्दर्य को प्राकृतिक रूप से देख पाते है। मानव जीवन में हैपिनेस की नितान्त आवश्यकता है प्रत्येकजन को हैपिनेस के लिए कलाओं एवं अनेक माध्यमों से जुड़ने का प्रयास करना चाहिए।
निदेशक, राज्य ललित कला अकादमी, उ०प्र० डॉ० श्रद्धा शुक्ला एवं निदेशक उ0प्र0 लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, लखनऊ श्री अतुल द्विवेदी जी द्वारा बताया गया कि यह प्रदर्शनी दिनांक 07.11.2023 तक प्रातः 11:00 बजे से सायं 06.00 बजे तक अवलोकनार्थ खुली रहेगी।