स्वयं के त्याग से ही प्रकृति संरक्षण‌‌ किया जा सकता है: प्रमोद झा
भोपाल-दिनांक 02अक्टूबर-23 को सृष्टि सेवा संकल्प, जिला भोपाल इकाई द्वारा कल रविवार को “वृक्षाक्षरोपण जन आंदोलन बनाने के लिए एक “परिचर्चा” का आयोजन कृषि प्रशिक्षण संस्थान नीलबड़ में हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा वृक्षपूजन व दीप प्रज्वलन कर किया गया। ‍ कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय हिन्दी मैल के प्रधान संपादक एवं सेंट्रल इंडिया प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री विजय कुमार दास जी ने की। कार्यक्रम के मुख्यवक्ता विगत 30 वर्षों से संघ के प्रचारक रहे एवं सृष्टि सेवा संकल्प के राष्ट्रीय मार्ग दर्शक प्रमोद झा थे।वरिष्ठ समाजसेवी श्री नरेश सिंह जी ठाकुर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे। मुख्यवक्ता के रुप में प्रमोद झा ने कहा कि स्वयं के त्याग से ही प्रकृति का संरक्षण किया जा सकता है। हमारे ऋषियों ने बताया हमारा प्रकृति के साथ माँ का संबंध है( माता भूमि पुत्रोहम पृथ्वीया)। हमारी 80% संसाधनों की पूर्ति वृक्षों से ही होती है। और देश की 50% समस्याओं का हल भी वृक्षों से ही है। वृक्ष हमें सिखाते है कि अपकार करने वाले का भी उपकार करना चाहिए। चंदन का वृक्ष हमें शिक्षा देता है कि विसंगति का भी हम पर कोई असर नहीं होना चाहिए। आद्य शंकराचार्य, स्वामी विवेकानंद, महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध आदि को पेड़ों के नीचे ही सर्वं खल्विदं ब्रह्म का ज्ञान प्राप्त हुआ। जब पेड़ों के नीचे शिक्षा होती थी तब भारत दुनिया में विश्वगुरु था। धरती ब्रह्मांड का मुख है इसलिए धरती माँ तृप्त होंगी तभी ब्रह्मांड का संतुलन हो सकेगा। जब हम अपने जीवन से तेन त्यक्तेन भुंजीथा (भोग के वातावरण में त्याग का) संदेश देंगे तभी पर्यावरण का संरक्षण व संवर्धन हो सकेगा। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित जनों से कहा कि टिश्यु पेपर के निर्माण में लाखों पेड़ों का बलिदान होता है इसलिए टिश्यु पेपर के स्थान पर कपड़े का रूमाल इस्तेमाल करने का संकल्प हमें लेना चाहिए।सृष्टि सेवा संकल्प संगठन पर्यावरण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण की स्थानीय संस्थाओं को साथ लेकर वृक्षारोपण को जन आंदोलन बनाने व मानव का प्रकृति के साथ संबंध स्थापित हो इसके लिए निरंतर कार्य की संकल्पना के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री विजय कुमार दास जी ने बताया म.प्र में 38 % जंगल था अब मात्र 18 % बचा है। यदि 18 % जंगल और कट गया तो हर गावं में एक हॉस्पिटल होगा जहां ऑक्सीजन के लिए लड़ाई होगी। पेड़ का जीवन मनुष्य के जीवन से अधिक महत्वपूर्ण है। मनुष्य का जीवन पेड़ पर निर्भर है। “कुछ भी हो जाएँ पेड़ नहीं कटने देंगे” इस संकल्प के साथ समाज को खड़ा होना पड़ेगा तभी हम अपने पर्यावरण की रक्षा कर सकेंगे। कार्यक्रम का संचालन मिलन श्रीवास्तव व सुश्रुत गुप्त ने किया। अतिथियों का स्वागत सचिन शर्मा, अमन गर्ग, वाल्मीकि अहेरे व चेतन जी ने किया। एकलगीत बहिन पारुल सोनी ने लिया व आभार हेमंत द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम की अन्य व्यवस्थायें कमलेश पटेल, सुरेश उपाध्याय, रंजीत सिंह, नवीन बाथम आदि सृष्टि सेवकों ने की । कार्यक्रम का समापन राष्ट गान के साथ सम्पन्न हुआ। आभार भोपाल महानगर इकाई के अध्यक्ष अमन गर्ग ने किया।