श्रीमती रामबाई दीक्षित स्मृति लेखक सम्मान - २०२३ हेतु पुस्तकें आमंत्रित
अतर्रा । शैक्षिक मुद्दों पर आधारित पुस्तकों के लेखकों को पुरस्कृत करने हेतु गतवर्ष २०२२ में श्रीमती रामबाई दीक्षित स्मृति लेखक सम्मान की स्थापना की गई थी। इस सम्मान अंतर्गत लेखक को शहल, सम्मान पत्र, स्मृति चिह्न, लेखनी, अलंकृत मेडल और ११००/ रुपये की मानद राशि भेंट की जाती है। वर्ष २०२३ हेतु शैक्षिक पुस्तकें आमंत्रित की जाती हैं। लेखक या प्रकाशक पुस्तक की तीन प्रतियां १५ सितम्बर तक प्रेषित कर सकते हैं। उक्त जानकारी देते हुए श्रीमती रामबाई दीक्षित स्मृति लेखक सम्मान के संस्थापक शिक्षक एवं साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय ने बताया कि उन्होंने फरवरी २०२२ में दिवंगत अपनी माता जी की स्मृति में उनके नाम पर 'श्रीमती रामबाई दीक्षित स्मृति लेखक सम्मान' की स्थापना की थी। यह सम्मान प्रत्येक वर्ष शैक्षिक मुद्दों पर आधारित ऐसी पुस्तकों के लेखकों को प्रदान किया जायेगा जिन्होंने शिक्षा क्षेत्र के जमीनी अनुभवों को लेखन का आधार
२४ नवम्बर, को चित्रकूट में होगा सम्मान समारोह
बनाया हो, जिनमें समस्या के साथ समाधान के सूत्र भी सुझाये गये हों। चयनित लेखक को यह सम्मान २४-२६ नवम्बर २०२३ को अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान, चित्रकूट में आयोजित शैक्षिक संगोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से पधारे नवाचारी शिक्षक-शिक्षिकाओं के सम्मुख प्रदान किया जायेगा। सम्मान अंतर्गत लेखक को शहल, सम्मान पत्र, स्मृति चिह, लेखनी, अलंकृत मेडल और ११००/रुपये की मानद राशि भेंट की जायेगी। विख्यात समाजसेवी पाठा के गांधी गोपाल भाई, जल संरक्षण के महानायक पद्मश्री उमाशंकर पांडेय, भाषाविद् कमलेश कमल, विज्ञान शिक्षा को सहज सम्प्रेषणीय बनाने वाले कर्मयोगी आशुतोष उपाध्याय और कहानीकार, शैक्षिक दखल के संपादक एवं शिक्षाविद् दिनेश कर्नाटक की मंच पर गरिमामय उपस्थिति रहेगी। लेखकों एवं प्रकाशकों से अनुरोध है कि २०२२ तक प्रकाशित शैक्षिक पुस्तकों की तीन-तीन प्रतियां १५ सितम्बर तक समिति के कार्यालय शास्त्री नगर, अतर्रा -२१०२०१, जिला- बांदा (उ.प्र.) के पते पर रजिस्टर्ड डाक या कुरियर से प्रेषित कर दें। अन्य जानकारी हेतु ६४५२०८५२३४ और ८२६६४४७२७४ पर संवाद कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि गतवर्ष २०२२ हेतु श्रीमती रामबाई दीक्षित स्मृति लेखक सम्मान दिनेश कर्नाटक की पुस्तक 'शिक्षा में बदलाव की चुनौतियां' और आलोक मिश्रा की कृति 'बच्चे मशीन नहीं हैं' को प्रदान किया गया था।