निर्मलजीत सिंह कल्सी, अध्यक्ष, नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एण्ड ट्रेनिंग द्वारा प्रदेश भ्रमण
डा० निर्मलजीत सिंह कल्सी, अध्यक्ष, नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एण्ड ट्रेनिंग द्वारा दिनांक 12-13 जुलाई 2023 को प्रदेश भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान उनके द्वारा बदलते हुए औद्योगिक परिदृश्य में उमरते हुए क्षेत्रों में कार्यबल की आवश्यकता पर मुख्य सचिव एवं प्रदेश के अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा की गयी। चर्चा के दौरान मुख्य सचिव, उ0प्र0 द्वारा प्रदेश को वर्ष 2027 तक 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था में रूपान्तरित करने के लिए किये जा रहे प्रयासों के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। मुख्य सचिव, उ0प्र0 ने बताया कि प्रदेश में प्रतिव्यक्ति आय में 4 गुना वृद्धि तथा श्रमशक्ति सहभागिता की दर में 33% से 50% तक वृद्धि किये जाने की रणनीति अपनाई गयी है। इसके साथ ही साथ क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के लिए पूर्वांचल तथा बुन्देलखण्ड के विकास को बढ़ावा देने के लिए सकल घरेलू उत्पाद के सापेक्ष इन क्षेत्रों के लिए आवंटन में 20% की वृद्धि की गयी है। बैठक के दौरान एनसीवीईटी के अधिकारियों द्वारा वर्ष 2030 में कौशल विकास एवं रोजगार के क्षेत्र में उभरने वाली संभावनाओं को देखते हुए औपचारिक शिक्षा व व्यावसायिक शिक्षा को समन्वित करने की आवश्यकता एवं उसकी दिशा में किये जा रहे प्रयासों के विषय में अवगत कराया। कौशल विकास और रोजगार को समन्धित करने की अवधारणा के आधार पर प्रोजेक्ट उपकार (उत्तर प्रदेश कौशल एवं रोजगार संचालित करने पर सहमति व्यक्त की गयी।
कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विषय ज्ञान के साथ-साथ सेवायोज्यता को बढ़ाने वाले पाठ्यक्रम को सम्मिलित करने तथा डिजिटल प्रौद्योगिकी से जुड़े हुए पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि अब ब्लूकॉलर जॉब से व्हाइट कॉलर जॉब और अब समय आगे बढकर ब्राइट कॉलर जॉब तक पहुंचने का है, जिसके लिए व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रमों में तकनीक तथा समकालिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाना आवश्यक होगा। उन्होंने अन्तर्विभागीय समन्वय पर विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के आंकड़ों को परस्पर साझा करने की आवश्यकता को भी इंगित किया। उन्होंने यह भी कहाकि अशिक्षित व रोजगार से जुड़े व गैर जुड़े शिल्पकारों के कौशल उन्नयन व प्रमाणन के लिए लेविल 4 से लेविल 8 तक उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के कार्यक्रम भी संचालित किये जायें। इसके साथ ही नियमित शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में एनएसक्यूएफ के अनुरूप व्यावसायिक कोर्सेस में भी प्रशिक्षक को बढ़ावा दिया जाये तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अवधारणा के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण की नियमित अध्ययन के साथ संस्थागत व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम को विकसित कर ऑनलाइन प्रशिक्षण सुविधाओं को भी विकसित करने पर बल दिया गया। प्रदेश में कौशल विकास कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन को अवार्डिंग बॉडी के रूप में मान्यता प्रदान करने के निर्णय का भी उल्लेख किया गया। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन अवार्डिंग बॉडी के रूप में एनसीवीईटी द्वारा मान्य प्रमाण पत्र जारी कर सकेगा तथा प्रदेश अपनी आवश्यकताओं के आधार पर परम्परागत कौशल के उन्नयन तथा नए-नए क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए स्वयं पाठ्यक्रम विकसित कर सकेगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश प्रशिक्षणार्थियों को उनके प्रशिक्षण स्तर के आधार पर क्रेडिट्स भी आवंटित कर सकेगा। मुख्य सचिव, उoप्रo द्वारा बैठक में यह अवगत कराया गया कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई गति देने के लिए सरकार द्वारा ऊर्जा, लॉजिस्टिक, कृषि, आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा वित्तीय प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण हेतु अभिनव प्रयास किये गये हैं। साथ ही उन्होंने कहाकि विभिन्न विभागों द्वारा चलायी जा रही कौशल प्रशिक्षण योजनाओं के आंकड़ों को एक ही पोर्टल पर संकलित करने के लिए स्किल मित्र पोर्टल के विषय में अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र की सहभागिता के माध्यम से आईटीआई के उन्नयन तथा युवाओं को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए टाटा टैक्नोलॉजी, आईबीएम, टीसीएस, इत्यादि के साथ अनुबंध किये गये हैं। उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी नीति का भी इस अवसर पर उल्लेख करते हुए उनके द्वारा अवगत कराया गया कि कौशल विकास के क्षेत्र में ओईएम प्रतिष्ठानों के माध्यम से उत्कृष्ट स्तर की प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित किये जा रहे है।श्री आंद्रा वामसी , आईएएस, मिशन निदेशक, यूपी कौशल विकास मिशन और प्रशिक्षण एवं रोजगार, भी उपस्थित थे।
*****