राजभर समाज के पूर्वजों ने देश के सभ्यता व संस्कृति के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान दिया-नारायण राजभर
राजधानी लखनऊ में राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव की बीर गाथा को पुनः याद किया
लखनऊ लालबाग स्थित सुहेलदेव तिराहे पर महाराजा राष्ट्रवीर सुहेलदेव राजभर जी का विजय दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वर्तमान सरकार में पशुधन विकास परिषद के सदस्य श्री नारायण राजभर ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजभर समाज के पूर्वजों ने देश के सभ्यता व संस्कृति के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान दिया। उसी कड़ी में श्रावस्ती के सम्राट महाराजा सुहेलदेव ने उस दौर में अपना साम्राज्य स्थापित किया था जिस समय भारत में विदेशी आक्रमणकारियों व लुटेरों का आक्रमण सक्रिय हो गया था। उस समय विदेशी आक्रान्ताओं का दो उद्देश्य हुआ करता था। पहला भारत को लूटना और दूसरा भारत में तलवार के बल पर इस्लाम धर्म कबूल करना। वैसी परिस्थिति में जब भारत का लुटेरा महमूद गजनवी का भांजा सैयद सालार मसूद गाजी जब ग्यारहवीं सदी में अपने जीत का परचम लहराता हुआ भारत के समस्त राजाओं को पराजित करते हुए भारत की आखिरी सीमा बहराइच पहुँचा जहाँ श्रावस्ती के सम्राट महाराजा सुहेलदेव ने उसे पराजित कर देश की धर्म-संस्कृति की रक्षा किया।
युद्ध में आज इनके विजय दिवस के अवसर पर समस्त देशवासियों को यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि देश व अपनी संस्कृति को बचाने में एकजुट रहें।
कार्यक्रम में भारतीय समाज दल के राष्ट्रीय महासचिव सुशील कुमार पाण्डेय, प्रदेश अध्यक्ष शशिधर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश राजभर, एस०पी० राय (पूर्व कृषि महानिदेशक), कृष्ण मुरारी पटेल, पवन राजभर, नकुल, प्रमोद यादव, प्रवीण राजभर तथा उ०प्र० राजस्व सदस्य श्री अशोक कुमार मिश्र, जिला कन्नौज उपस्थित रहे।