गर्भवती महिलाएं कमरे में जरूर रखें ये चीजें बनते हैं पुत्र प्राप्ति के योग
महिलाओं के लिए गर्भावस्था बेहद अहम पल होता है। इस दौरान गर्भवती महिलाएं प्रसन्नचित्त रहती हैं और हर पल को दिल से एन्जॉय करती हैं। इस खुशी में परिवार वाले में शामिल होते हैं। इस मौके पर सभी लोग जश्न भी मनाते हैं। हालांकि, गर्भावस्था के समय में महिलाओं को अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखना चाहिए। अनदेखी करने से जच्चे और बच्चे दोनों की सेहत पर असर पड़ता है। खासकर, बच्चे की मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इससे बच्चे का विकास सही से नहीं हो पाता है। वास्तु शास्त्र में भी गर्भवती महिलाओं के लिए कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन जरूरी है। इससे गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे पर किसी की बुरी नजर नहीं पड़ती है। साथ ही होने वाला बच्चा तेजस्वी, ओजस्वी और मेधावी होता है। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-
• धार्मिक मान्यता है कि गर्भवती महिलाओं की आंखों के सामने वाली चीजों और घटनाओं का असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। अतः गर्भवती महिला के कमरे में बाल कृष्ण जी की तस्वीर जरूर लगानी चाहिए। इससे शिशु में भी बाल कृष्ण के गुण आते हैं।
• गर्भवती महिला के कमरे में बाल कृष्ण की तस्वीर के अलावा, मुस्कुराते हुए बच्चे की तस्वीर लगानी चाहिए। इससे कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे मां (गर्भवती महिला) चिंता और भय मुक्त रहती हैं।
वास्तु जानकारों की मानें तो गर्भवती महिलाओं
के कमरे में हवा और रोशनी का उचित प्रबंध होना चाहिए। गर्भवती महिला के कमरे में अंधेरा नहीं होना चाहिए। इससे नकारात्मक शक्तियां हावी हो जाती हैं। कहते हैं कि शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए प्रकाश बहुत जरूरी है।
गर्भवती महिला के कमरे का रंग गुलाबी होना चाहिए। गुलाबी रंग खुशियों का प्रतीक होता है। इससे घर में खुशिया आती हैं। हालांकि, कमरे का कलर डार्क नहीं होना चाहिए।
• वास्तु शास्त्र के अनुसार गर्भवती महिला के कमरे में पीले चावल रखने चाहिए। इससे नकारात्मक शक्तियां कमरे से दूर हो जाती हैं। साथ ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु और लक्ष्मी की कृपा जच्चे और बच्चे पर बनी रहती है।
पुत्र प्राप्ति के मंत्र
सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते । तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।।