बालक दास
बृज रस से विभोर होकर रसिक रस का अमृत पान कराने वाले दिगम्बर अखाडे से दीक्षित बालक दास का जन्म ललितपुर जनपद के प्रतिष्ठत अग्निहोत्री परिवार में हुआ। बचपन का नाम संजय अग्निहोत्री था। माता -पिता का बाल अवस्था में देवलोक गमन होने के बाद सरकारी नौकरी को छोडकर रासलीला में अभिनय कर बृज रस से कब सराबोर हो गये और अपने पिता तुल्य चाचा सुरेन्द्र अग्निहोत्री की प्रेरणा से बाल और किशोर अवस्था के बीच संन्यास ग्रहण किया।