स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं समाजवादी विचारक श्री मधु लिमये का जन्म शताब्दी समारोह आज लखनऊ के गांधी भवन के करन भाई सभागार में मनाया गया
लखनऊ दिनांकः25.03.2023 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं समाजवादी विचारक श्री मधु लिमये का जन्म शताब्दी समारोह आज लखनऊ के गांधी भवन के करन भाई सभागार में मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दिल्ली के पूर्व विधायक दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहे श्री राजकुमार जैन ने किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने लोकतंत्र, संविधान और अभिव्यक्ति की आजादी पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता जताई। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मीसा बंदी एवं पूर्व विधायक श्री राजकुमार जैन ने कहा कि मधु लिमये जी ने साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए समाजवादी आन्दोलन के लिए संघर्ष किया और आगे बढ़ाया। मधु लिमये जी कार्यकर्ताओं के खिलाफ होने वाली जुल्म ज्यादती के खिलाफ चट्टान की तरह खड़े रहते थे। आज हम लोगों को मधु लिमये जी का ऋण चुकाना है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिन्दी संस्थान के पूर्व अध्यक्ष एवं समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद श्री उदय प्रताप सिंह ने अपनी कविताओं के माध्यम से देश के वर्तमान हालात पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता तीनों एक दूसरे के पूरक है। वर्तमान सत्ता तीनों पर हमला कर रही है। लोकतंत्र को कमजोर करने वाली ताकतों को वैचारिकी से जवाब देना है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि समाजवादी आंदोलन व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई है। चुनाव उसमें एक पड़ाव है। आज देश में समाजवादी विचारधारा के पास श्री अखिलेश यादव से बड़ा कोई दूसरा नेता नहीं है। श्री अखिलेश यादव के रूप में समाजवादी आंदोलन के पास सषक्त ऊर्जावान और दूरदर्शी नेतृत्व है। श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि डॉ0 राममनोहर लोहिया, आचार्य नरेन्द्र देव और मधु लिमये तथा नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव ने जिस समाजवादी आन्दोलन और विचारधारा को आगे बढ़ाया, उसका नेतृत्व आज श्री अखिलेश यादव कर रहे हैं। श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि यथास्थितिवाद को बदलने के लिए युवकों को आगे आना चाहिए। समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम समाजवादी कर रहे हैं। समाजवादी गांधी जी के दर्शन से निकले लोग है। विशिष्ट अतिथि एवं वरिष्ठ लेखक-पत्रकार श्री अरूण त्रिपाठी ने कहा कि श्री मधु लिमये जी ने संविधान की रक्षा के लिए आजीवन संघर्ष किया। आज देश में लोकतंत्र, समाजवाद, संविधान और धर्मनिरपेक्षता सभी पर खतरा मंडरा रहा है। फासिज्म की ताकतें सक्रिय हैं। पूंजीवाद चरम पर है। मधु लिमये जी ने आरएसएस की नफरती राजनीति को पहचान लिया था। मधु जी की प्रासंगिकता को आज नई पीढ़ी को बताना है। उन्होंने कहा कि इतिहास को हथियार बनाया जा रहा है। औपनिवेशिक मानसिकता के खिलाफ लड़ाई समाजवादी ही लड़ेंगे। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ0 रमेश दीक्षित ने कहा कि वर्तमान सत्ता बहस नहीं चाहती है। आज के कार्यक्रम से वैचारिक बहस को बढ़ाने का माहौल बनाए रखना है। इन बहसों को आगे ले जाने से ही लोकतंत्र बचेगा। श्री मधु लिमये शताब्दी समारोह समिति के आयोजन में सर्वश्री विजय नारायण, राम किशोर, महिमा सिंह, आबिद किदवई का विशेष योगदान रहा। पूर्व प्रत्याशी श्री सोनू कन्नौजिया व पूजा शुक्ला ने शाल ओढ़ाकर अतिथियों का सम्मान किया। कम्यूनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल अंजान ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने की मुहिम को मजबूती देनी होगी। समाजवादी पार्टी के नेता पूर्व विधायक जयशंकर पाण्डेय, शाहनवाज कादरी, जूही सिंह, मधुकर त्रिवेदी, कुलदीप सक्सेना, सुरेन्द्र विक्रम सिंह, आनन्द वर्धन, राम सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में सर्वश्री सीपी राय, जासमीर अंसारी एमएलसी, दीपक रंजन, धीरेन्द्र श्रीवास्तव, अनुराग मिश्रा, अतहर हुसैन, इमरान, राशिद, के.के. त्रिपाठी, मुकेश शुक्ला, प्रदीप कपूर, प्रदीप शर्मा, एस.के. राय, मणेंद्र मिश्र, के.के. शुक्ला, सिद्धार्थ सिंह, मनीष सिंह, इकबाल खान, महेन्द्र यादव, हरिश्चन्द्र पाण्डेय, डॉ0 रवीन्द्र द्विवेदी, गोपाल यादव, राजवर्धन जाटव, पासी जयवीर सिंह आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।