ललित कला अकादेमी क्षेत्रीय केन्द,संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार 1-एकता विहार, अलीगंज की कलादीर्घा में प्रदर्शनी 5 मार्च 2023 तक
लखनऊ,ललित कला अकादेमी क्षेत्रीय केन्द,संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार 1-एकता विहार, अलीगंज की कलादीर्घा में देश में दृश्यकलाओं की शीर्ष सांस्कृतिक संस्था ललित कला अकादेमी दृश्यकलाओं के विभिन्न माध्यमों यथा पेन्टिंग्स, मूति र्शिल्प, सीरेमिक, ग्राफिक, फोटोग्राफी आदि के क्षेत्र में पिछले सात दशकों से कला और कलाकारों का प्रोत्साहन और प्रोन्नयन करती आ रही है। भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत अकादेमी ने कई कार्यक्रमों और गतिविधियों यथा प्रदर्शनियों, शिविर, कार्यशालाएँ, व्याख्यान, संगोष्ठियों आदि का विशेष रूप से आयोजन किया है। इसी क्रम में ललित कला अकादेमी, क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ द्वारा ‘‘फोटोग्राफी प्रदर्शनी एवं फोटो टॉक’’ का आयोजन अकादेमी स्थित दीर्घाओं में किया गया है जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के मुख्य स्थलों, भारत के किलों, स्मारकों, प्राचीन मंदिरों आदि विषयों पर कलाकृतियों को शामिल किया गया है। प्रदर्शनी के लिए देश भर से वर्ष 2022 में 1603 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई थीं जिनमें से चयन समिति द्वारा 135 फोटोचित्रों का चयन प्रदर्शन हेतु किया गया।
प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रोफेसर मांडवी सिंह (वाइस चांसलर, भातखंडे संस्कृति यूनिवर्सिटी, लखनऊ एवं प्रख्यात फोटोग्राफर श्री अनिल रिसाल सिंह द्वारा अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव श्री देवेंद्र त्रिपाठी जी की गरिमामय उपस्थिति में किया गया। यह प्रदर्शनी 5 मार्च 2023 तक अवलोकनार्थ जारी रहेगी। प्रदर्शनी के साथ फोटोटॉक प्रख्यात फोटोग्राफर श्री अनिल रिसाल सिंह द्वारा किया गया। दिल्ली से आए अकादमी के फोटो अधिकारी श्री अभिमन्यु जिन्दल ने सभी प्रतिभागियों को मेला मोमेटस फोटोग्राफी कंटेस्ट के बारे में जानकारी दी। फोटोग्राफी कंटेस्ट में भाग लेकर ₹100000 तक नकद इनाम जीत सकता है।
डॉ0 देवेन्द्र त्रिपाठी, क्षेत्रीय सचिव ने अपने सम्बोधन में सर्वप्रथम कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर मांडवी सिंह, का स्वागत अभिनन्दन किया एवं इस कार्यक्रम में आने के लिए केन्द्र के निमंत्रण को स्वीकारने हेत ु उनका आभार व्यक्त किया। प्रोफेसर मांडवी सिंह ने अपने उदघाटन भाषण में आज के आधुनिक युग में फोटोग्राफी के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रस्तुत प्रदर्शनी में हालांकि सामान्य जन मानस के द्वारा लिए चित्रों को सम्मिलित किया गया है, परंतु हर फोटोग्राफ एक कहानी कहता है। उनका मानना है कि मोबाइल के चलन में आ जाने से फोटो लेने की कला में विस्तार हुआ है और एक बहुत बडे स्तर पर फोटोग्राफी के प्रति रूचि और कलात्मकता में अभिवृ़द्ध हुई है।
प्रख्यात फोटोग्राफर श्री अनिल रिसाल सिंह ने अपने सम्बोधन में यह उल्लेख किया की फोटोग्राफी का स्थान जीवन के हर क्षेत्र में है, चाहे शिक्षा हो, कार्यक्रम हो विज्ञान हो सभी में फोटोग्राफी का बहुत महत्व है। इस अवसर पर आयोजन में श्री अतुल द्विवेदी, निदेशक, लोक एवं जनजातीय कला एवं संस्कृति संस्थान, उ0प्र0, श्री गिरिश चन्द्र मिश्रा, पूर्व उपाध्यक्ष,राज्य ललित कला अकादेमी, उ0प्र0 श्री तुहिन द्विवेदी, सहायक निदेशक संस्कति विभाग, संस्कति निदेशालय, उ0प्र0 श्री दीपक जी, संगठन मंत्री, संस्कार भारती काशी प्रान्त, डॉ0 संजीव किशोर गौतम, डॉ0 पूनम श्रीवास्तव जानी-मानी गायिका, श्री वेणु गोपाल पाराशर, श्री शिबराम दास, श्री प्रमोद बरूआ सहित केन्द्र स्टॉफ, केन्द्र में कार्यरत कलाकार एवं स्कालर्स तथा नगर के कलाप्रेमी उपस्थित रहे।
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