एम०ए०सी०पी० प्रमोशन में एक साल तक की कमी समाप्त करने योग्य: विजय कुमार पाण्डेय
लखनऊ, सेना कोर्ट लखनऊ ने उ.प्र. के जनपद-अमेठी निवासी सेना से रिटायर पूर्व आनरेरी नायब सूबेदार विनोद कुमार तिवारी को उनकी नौकरी 24 साल की मानते हुए एम०ए०सी०पी० नायब सूबेदार की पेंशन देने का आदेश सुनाया l मामला यह था कि याची विनोद कुमार तिवारी सन 1984 में आर्मी मेडिकल कोर में भर्ती हुए और लगभग 24 साल की सेवा के बाद सन 2008 में सेवा निवृत्त हुए लेकिन, भारत सरकार द्वारा एम०ए०सी०पी० नायब सूबेदार की पेंशन देने से इंकार करते हुए कहा गया कि याची की सर्विस 24 साल में छः दिन कम है इसलिए, उसे प्रमोशन नहीं दिया जा सकता l
निराश होकर याची ने अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय के माध्यम से सशत्र-बल अधिकरण लखनऊ में सन 2021 में वाद दायर किया गया, जिसकी सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता ने याची का जोरदार पक्ष रखते हुए दलील दी कि छठे वेतन आयोग के अनुसार प्रत्येक आठ वर्ष बाद एक प्रमोशन दिए जाने का प्रावधान है जो रक्षा-मंत्रालय के पत्र दिनांक 30 मई, 2011 के अनुसार 1 जनवरी, 2006 से लागू किया गया है और, आर्मी पेंशन रेगुलेशन-2008 के पैरा-18 (ए) और 49 के अनुसार सर्विस में छः दिन की कमी को दूर न करना संविधान के अनुच्छेद-20 और 21 का उल्लंघन है इसके विपरीत भारत सरकार के अधिवक्ता ने जोरदार विरोध करते हुए दलील दी गयी कि बगैर आठ साल की नौकरी हवलदार की रैंक पर पूरी यह लाभ याची को नहीं दिया जा सकता लेकिन, याची की तरफ से कहा गया कि जब पेंसेनेबल सर्विस के मामले में एक साल का लाभ दिया जा सकता है तो प्रमोशन में न देना संविधान के अनुच्छेद-20 और 21 का उल्लंघन है l
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति उमेश चन्द्र श्रीवास्तव और अभयरघुनाथ कार्वे की खण्डपीठ ने निर्णय दिया कि याची की सर्विस में छः दिन की कमी माफ़ की जाती है और भारत सरकार को आदेशित किया जाता है की वह याची को एमएसीपी नायब सूबेदार की पेंशन चार महीने के अंदर दे अन्यथा याची आठ प्रतिशत व्याज का भी हकदार होगा l