भाजपा करे अपनी सोच मे परिवर्तन


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सन २०२२ विधान सभा चुनावों के परिणामों से एक बात तो सिद्ध हो गई है कि देश का मुसलमान भाजपा के पक्ष मे तो बिलकुल नही है भले ही भाजपा इनके लिए देश का पूरा ख़ज़ाना ही क्यों न लुटा दे अपने सारे घोड़े इनके खैरमकदम के लिए क्यों न

खोल दे । भाजपा ने इन मुस्लिमों के लिए क्या नही किया इनको वह सब योजनाओं का लाभ दिया जो हर ग़रीब समाज के लोगों को दिया गया घर सिलेण्डर  बिजली पानी शौचालय निःशुल्क कोचिंग आयुष्यमान ईलाज शादीशगुन आदि बदले मे भाजपा को मिला ठेंगा । सूत्रों का मानना है कि मोदी योगी ने अपने कार्यकाल मे लगभग ५००० हज़ार करोड़  केवल इन मुसलिम सम्प्रदाय की ख़ुशहाली और उनके जीवन स्तर को सुधारने मे लगा दिया जो पूर्व सरकारों के मुक़ाबले मे हज़ार गुने से भी कही ज़्यादा है ।चुनाव परिणाम आने के बाद पता चला कि ७१ मुसलिम बाहुल्य सीटों पर ६९ सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों को मुँह की खानी पड़ी ।हाल इतने ख़राब थे कि जिस पोलिग बूथ पर ५११ वोटर थे वहाँ भाजपा उमीदवार को मात्र १० ही वोट मिले अधिकतर पोलिग बूथ पर भाजपा की ऐसी ही सिथति थी कई काउंटिंग स्थल पर भाजपा के एजेन्ट मारे डर के आए ही नही ।इस बार के चुनावों मे मुसलिम समाज के लोगों ने काफ़ी अच्छा मतदान किया जबकि हिन्दू पहले की तरह काफ़ी उदासीन ही रहा ।साफ शब्दों मे कहूँ तो मोदी सरकार को अपनी डायरी से सबका साथ सबका विश्वास जैसे नारे हटा देने चाहिए मुसलिम समाज के लिए कुछ करना या सोचना बेकार है जो समाज इस देश के संविधान मे विश्वास नही करता जिसे इस देश मे रहने से डर लगता हो सारे हिन्दू काफ़िर लगते हो उनको मारने मरने की बात करता हो उ

सका भले की सोचना व्यर्थ है ऐसे लोगों को अलला ताला के रहमोकरम पर छोड़ देना चाहिए इसी मे समझदारी है ।यदि अगला लोक सभा चुनाव जितना है तो सारा फ़ोकस हिन्दू वोटों पर किजिए जो यादव बनिया कायस्थ आदि दूसरे दलो मे है उनको हिन्दुत्व का संदेश दिजिए भले ही वह दूसरी पारटी मे रहे लेकिन वोट देते समय हिन्दुत्व का अवश्य ख़याल रखे ।इस चुनाव मे मैंने अनुभव किया भाजपा यूपी का कार्यकर्ता संगठन की कार्यप्रणाली से बेहद ख़फ़ा है पारटी दुसरे दलो के नेताओं को ज़्यादा मान सम्मान देती है रात मे पारटी कोई ज्वाइन करता है सुबह उसके हाथो मे चुनाव लड़ने का टिकट होता है एक कार्यकर्ता का तो यह भी कहना है भाजपा मे एक बहुत बड़ा गिरोह काम कर रहा है यदि उस गिरोह के सदस्य है तो सब कुछ हाज़िर है उसके लिए वरना उसे भाजपा कार्यालय मे लगे ढेर सारे कैमरे सूचना दे देंगे उसके आगमन की सब कुछ ललनटाप है ७ विधान सभा मे एक फ़ाइव स्टार कारपोरेट की तरह बस कार्यकर्ता की कोई इज़्ज़त नही पदाधिकारी से भी मिलना तो गेट पर खड़े सुरक्षाकर्मी से मुककालात करो तब अपनी समस्या बताओ निदान हो या न हो यह आवेदन देने वाले की क़िस्मत पर निर्भर करता है ऐसा नही दिल्ली नागपुर मे बैठे बड़े नेता संघी यह सब जानते नही लेकिन उनकी भी हिम्मत नही पड़ती कि इस दिशा मे कुछ सोचे ।

—-आनंद मोहन भटनागर