🌷हिन्दी मैं हिन्दुस्तान की शान हूँ
दोहो,छंदो और चौपाइयों से
सुसज्जित हिन्दुस्तान का अभिमान हूँ।🌷
🌷हमारी भावनाओं,विचारों की
अभिव्यक्ति को सरल बनाती हिन्दी
संस्कृत जिसकी जननी है
मातृभाषा हमारी है हिन्दी।🌷
🌷सरल,ओजस्वी अनूठी
साहित्य का सागर है हिन्दी
जनमानस को लुभाती
साहित्य का सागर है हिन्दी।🌷
🌷भाषा और सभ्यता की
की संपदा है हिन्दी
आओ इसका मान बढा़ये
हिन्दुस्तान का स्वाभिमान है हिन्दी।🌷
🌷 विश्वपटल के शिखर परहो
विराजित हिन्दी हमारी
राष्टभाषा भाषा बने जनमानस
ह्दय से सदा ही हिन्दी का गुनगान करें।
🌷सार्थक वाक्यों की रचना
में सिरमौर है हिन्दी
हमारी आत्मा का प्रकाश है हिन्दी
आओ इसे प्रफुल्लित होकर अपनाये
चाहे कितनी भी भाषाऐंआजायें
सदा हिन्दी को ही। अपनायेगें
सिर्फ यही प्रण दोहराये।
मौलिक - 🌷 वन्दना अर्गल🌷
महासचिव देवास जिला म.प्र.
अंतर्राष्टीय हिन्दी परिषद महिला प्रकोष्ठ🌷
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