एक अनोखा रिश्ता
________
____________________________
प्रिया और रानी दोनों पक्की सहेलियाँ
है। दोनों एक ही स्कूल एक ही क्लास में हैं और दोनों का घर भी आस-पास है, जिसकारण स्कूल के साथ-साथ बाकी का भी अधिकतर समय दोनों का एक
साथ ही गुजरता है।
रानी और प्रिया एक ऐसे समाज मे रहती है, जो पुरूष प्रधान है। जहाँ स्त्री का कोई महत्व नहीं है, उसके जज़्बातों और इच्छाओं का तो कोई भी मोल नहीं। स्त्रियों
को गाय-भैंस जानवर से ज्यादा नहीं आंका जाता। रानी और प्रिया ने हमेशा अपनी माँ, बहन, भाभी तथा
अन्य अड़ोस-पड़ोस की स्त्रियों को घरेलू हिंसा का शिकार होते देखा था। मार खाना, शोषित होना तो उनकी दिनचर्या में शामिल था। रानी की माँ का
देहांत भी शराबी पिता की मार से ही हुआ था। रानी और प्रिया को भी कितनी ही बार
अपनी इच्छाओं का हनन करना पड़ता।
वो दोनों
ऐसे माहौल में नहीं रहना चाहती पर उनके पास और कोई अन्य मार्ग भी नहीं था। प्रिया
पढ़ने में बहुत अच्छी थी। वह पढ़लिखकर अपनी स्थिति सुधारना चाहती थी। लेकिन रानी का
मन पढ़ाई में नहीं लगता था।
दोनों ने
अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की और कॉलेज में दाखिला लिया। कुछ ही समय के बाद बालिग
होते ही उनकी शादी की चर्चाएं चलने लगी। रानी के पिता ने कॉलेज का तीसरा साल पूरा
होने से पहले ही उसके हाथ पीले कर दिये। और प्रिया ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी
होने के बाद दिल्ली की एक कंपनी में जॉब के लिए आवेदन दे दिया, और उसे वो जॉब मिल भी गई। प्रिया के दिल्ली जाने पर भी पिता
व भाई ने बहुत रोक लगाई लेकिन प्रिया इस माहौल से बस दूर जाना चाहती थी, उसे ऐसा मौका शायद ही मिलता। इसीलिए प्रिया ने एड़ी-चोटी का
जोर लगा दिया और लड़-झगड़ कर दिल्ली चली गई।
काफी समय बीत जाने के बाद एक दिन प्रिया की माँ ने फोन पर बताया कि
रानी अस्पताल में भर्ती है। बेटी का जन्म होने के कारण उसके पति ने उसे मार-मारकर
अधमरा कर दिया। हालत बहुत गम्भीर है। यह सुनते ही प्रिया के आँखों के सामने अंधेरा
छा गया। उसने फौरन ही टिकट कराया तो एक सप्ताह बाद का टिकट मिला। एक हफ्ते बाद वो
गांव पहुँचकर रानी से मिली। दोनों बचपन की सहेलियाँ एक-दूसरे को देखकर फूट-फूटकर
रोने लगी। रानी की हालत देखकर प्रिया ने फैसला किया कि वो रानी को और उनकी बेटी को
अपने साथ ले जाएगी,
लेकिन परिवार वाले नहीं मानेंगे
इस डर से उन्होंने चोरी-छुपे ही भाग-जाने का निर्णय लिया। और उसी रात वो तीनों
दिल्ली चले आए। प्रिया ने घर पर एक चिट्ठी छोड़ दी, जिसमें लिखा था कि मैं रानी और उसकी बेटी को अपने साथ ले जा रही
हूँ और अब कभी वापस नहीं आऊंगी।
कई साल बीत गए है। प्रिया, रानी और
उसकी बेटी पिंकी तीनों साथ में रहते हैं। प्रिया घर का खर्च चलाती है, घर के
बाहर के सारे काम निपटाती है। वहीं रानी अपनी बेटी का ख्याल रखती है और पूरे घर की
जिम्मेदारी निभाती है। प्रिया ने शादी नहीं की और रानी ने भी दोबारा शादी नहीं की।
दोनों के मन मे पुरुषों के प्रति नफरत घर कर गई है। वे आपस मे ही खुश हैं। दोनों
की इच्छा बस पिंकी को अच्छे से शिक्षित कर के अपने पैरों पर खड़ा करने की है।
समाज इनके रिश्ते को नहीं समझता, उन्हें लगता है कि वे समलिंगी है। पर लोग क्या जाने कि वो समान
लिंग वाले इंसान से प्यार नहीं बल्कि विपरीत लिंग वाले इंसान से नफरत करती है।
शायद ही कोई इनके इस अनोखे रिश्ते को समझ पाएगा।
- सोनल ओमर
----------------------------------------------------------------------------------------