दुनिया है बहुत विचित्र
भूखों की बड़ी बस्ती
कोई नाम का भूखा है
कोई अंजाम का भूखा है
किसी की भूख दौलत है
किसी का भूख जीवन है
किसी की आंखों में है भूख
किसी की बातों में है भूख
कोई जिस्म का भूखा है
किसी के जिस्म में है भूख
भूख भावनाओं में भी है
कोई वासना का भूखा है
कोई आशना का भूखा है
यहां हर पल सताती भूख
गांव घर द्वार छुडाती भूख
सभी को है रूलाती भूख
प्रकृति का नियम है अनमोल
है पेड़ पौधों में भी भूख
कीट पतंगों में भी भूख
जलचर थलचर कोई नहीं बच पाया
भूख ने सब को है खाया
- कमल