महिला मतदाता निभाएंगी अहम भूमिका


-डॉसौरभ मालवीय    

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का चौथा चरण संपन्न हो चुका है। आगामी 10 मार्च को यह तय हो जाएगा कि इस बार उत्तर प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी? क्या योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा फिर से पांच साल जनता की सेवा करेगी या सपा के नेतृत्व में अखिलेश यादव कुर्सी संभालेंगे उत्तर प्रदेश में चित्र साफ नजर आ रहा है कि इस बार चुनाव एकपक्षीय नहीं है यह चुनाव विकास के मुद्दों पर एवं आरोप-प्रत्यारोप से घिरे हुए तमाम राजनीतिक उतार-चढ़ाव में अपना वजूद तलाश रहा है पिछले पांच वर्षों से भाजपा नीत सरकार में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं योगी आदित्यनाथ का दावा है कि पुनः भाजपा की सरकार बनेगी विकास ही भाजपा के लिए चुनावी मुद्दा है चौथे चरण के मतदान के बाद बीजेपी द्वारा अपने विकास के कार्यों में महिला सुरक्षा को सबसे बड़ा विषय बनाकर प्रचार किया जा रहा है।

नि:संदेह महिलाओं के प्रति निरंतर बढ़ते अपराध समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। महिलाओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हरसंभव प्रयास किया है। महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए राज्य में सेफ सिटी परियोजना को लागू किया गया। महिलाओं एवं बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ रोकने के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया गया। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की सेफ सिटी योजना में अभी तक राज्य का केवल लखनऊ शहर ही सम्मिलित है। राज्य सरकार ने इसे राज्य के 17 अन्य शहरों में लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट में 97 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। इस योजना में राज्य के सभी नगर निगम वाले शहरों को महिलाओं के लिए सेफ सिटी बनाने की व्यवस्था की जाएगी। सेफ सिटी परियोजना में केंद्र सरकार 40 प्रतिशत और राज्य सरकार 60 प्रतिशत धनराशि व्यय करेगी। केंद्र सरकार ने अपने हिस्से की 62 करोड़ 89 लाख रुपये की धनराशि जारी कर दी है अब कानपुरप्रयागराजमेरठअलीगढ़बनारसअयोध्यामथुराशाहजहांपुरसहारनपुरगाजियाबादफिरोजाबादमुरादाबादआगरागोरखपुरझांसी एवं बरेली भी सेफ सिटी बनाए जाएंगे

सेफ सिटी में महिलाओं की सुरक्षा का दायित्व भी महिला पुलिस कर्मियों पर ही होगा। उनके पास गुलाबी रंग के स्कूटर और एसयूवी वाहन होंगेजिससे वे अपराधिक तत्वों पर दृष्टि रखेंगी। महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट भी बनाए जाएंगे। ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित किया जाएगाजहां महिलाओं का आवागमन रहता है और वहां स्ट्रीट लाईट की कोई व्यवस्था नहीं है। वहां पर्याप्त प्रकाश और सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी। बसों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन की भी व्यवस्था की जाएगी। यह एक ऐसा बटन हैजिसके माध्यम से संकट की स्थिति में आसानी से इमरजेंसी कॉल की जा सकेगी। इन शहरों में जगह-जगह महिला पुलिस कियोस्क बनाए जाएंगेजहां महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। परियोजना पर निगाह रखने के लिए वूमेन पॉवर लाइन 1090 की क्षमता दोगुनी कर दी जाएगी। महिला पुलिस कर्मियों को लाने ले एवं ले जाने के लिए बस और एसयूवी की व्यवस्था की जाएगी। महिला पुलिस कर्मियों को सादे कपड़ों में स्कूलकॉलेजअन्य शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों आदि के पास भी तैनात किया जाएगा

उल्लेखनीय है कि पिछले चार वर्ष की समयावधि में स्क्वायड द्वारा 98 लाख 55 हजार 867 व्यक्तियों की चेकिंग करते हुए नौ हजार 948 अभियोग पंजीकृत किए गए तथा 14 हजार 958 व्यक्तियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की गईजबकि 41 लाख 21 हजार 745 व्यक्तियों को चेतावनी दी गई

 

महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए राज्य के सभी 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित किए गए। बेहतर पुलिसिंग के लिए लखनऊ एवं नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई पहली पुलिस फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए बजट की व्यवस्था की गई। पुलिस अधीक्षक कार्यालयों में भी एफआईआर काउंटर की स्थापना की गई। महिलाओं की सुरक्षा के लिए वूमेन पावर लाइन 1090 संचालित की गई। यूपी-112 नम्बर का रिस्पॉन्स टाइम अब 10-40 मिनट का हो गया है इससे छह लाख 46 हजार लोगों की सहायता की गई

 

उच्च न्यायालयजनपदीय न्यायालयमेट्रो स्टेशन तथा महत्त्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश सिक्योरिटी फोर्स का गठन किया गया। एक लाख 337 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों की भर्ती की गई तथा 32 हजार 861 अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को पदोन्नत किया गया। आतंकी गतिविधियों पर अंकुश के लिए स्पेशल पुलिस ऑपरेशन टीम का गठन किया गया। राज्य में 18 विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं के निर्माण का कार्य जारी है लखनऊवाराणसीआगरा एवं मुरादाबाद में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के भवन निर्मित किए गए तथा यूनिट क्रियाशील है। मोबाइल कम्युनिकेशन प्लान का सृजन किया गया।

राज्य में 213 नये थानों की स्थापना की गईजिनमें 75 विद्युत थानेपांच महिला थाने, 10 सतर्कता थानेचार आर्थिक अपराध इकाई पुलिस थाने, 36 घोषणा से आच्छादित थाने, 27 अन्य स्थापित नवीन थाने तथा 40  मानव तस्करी रोधक इकाई को पुलिस थाने का दर्जा दिया गया। लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में साइबर थाने क्रियाशील हैंजबकि 16 अन्य परिक्षेत्रीय मुख्यालयों में साइबर क्राइम थानों की स्थापना की गईजिनमें बरेलीमुरादाबादसहारनपुरआगराअलीगढ़कानपुरप्रयागराजचित्रकूटगोरखपुरदेवीपाटनबस्तीवाराणसीआजमपुरमिर्जापुर एवं अयोध्या सम्मिलित है। राज्य के प्रत्येक जिले में साइबर सेल का गठन किया गया। महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की स्थापना की गई।

उल्लेखनीय यह भी है कि उत्तर प्रदेश महिला आयोग द्वारा समय-समय पर कार्यशालाओं का आयोजन कर महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी जाती है

महिलाओं एवं बालिकाओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए पृथक 81 मजिस्ट्रेट स्तरीय न्यायालय एवं 81 अपर सत्र न्यायालय क्रियाशील हैं। पॉक्सो एक्ट में त्वरित न्याय दिलाने के लिए 218 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित किए गए। इसके अतिरक्त महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार प्रदान करने के उद्देश्य से राजस्व संहिता में पौत्रीभतीजी और भांजी को भी भौमिक अधिकार दिए जाने का प्रावधान किया गया है।   

 

प्रयागराज में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया है। जनपदों में न्यायालयों के भवन निर्माण के लिए 450 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। माननीय न्यायमूर्तिगण के लिए आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। माननीय उच्च न्यायालयइलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ के लिए नये भवनों के निर्माण कार्य हेतु 150 करोड़ रुपये तथा इलाहाबाद पीठ के भवन के निर्माण के लिए 450 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई। अधिवक्ता कल्याण निधि हेतु न्यासी समिति को अंतकरण के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।

          

योगी सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए किए गये कार्यों की सफलता ही है कि आज महिलाएं आत्मविश्वास के साथ निर्भीक होकर घर से बाहर निकल रही हैं। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में महिला मतदाता साइलेंट वोटर के रूप में जानी जाती हैं महिला मतदाता जिस पार्टी को अपना समर्थन देती हैंसरकार भी उसी की बनती है। पिछले विधानसभा चुनाव में तीन तलाक के नाम पर भाजपा को मुस्लिम महिलाओं का भी भारी समर्थन मिला था। इस बार यह देखना दिलचस्प होगा कि महिलाएं किसे अपना समर्थन देती हैं। 

 

(लेखक- मीडिया शिक्षक एवं राजनीतिक विश्लेषक है )