आचार्य अकादमी चुलियाणा द्वारा वार्षिक साहित्यिक पुरस्कारों (2021) की घोषणा,प्रथम पुरस्कार डॉ. पायल लिल्हारे झांसी (उत्तर प्रदेश) की पुस्तक डॉ. भीमराव अंबेडकर का वैचारिक चिंतन को

 साहित्य, संस्कृति, धर्म, दर्शन, योग व हिन्दी के प्रसार प्रचार को समर्पित राष्ट्रवादी संस्था एवं प्रमाण अन्तरराष्ट्रीय मुल्यांकित त्रैमासिक रिसर्च जर्नल (ISSN:2249-2976)  व चिन्तन अन्तरराष्ट्रीय मुल्यांकित त्रैमासिक रिसर्च जर्नल (ISSN:2229--7227) प्रकाशित करने वाली संस्था आचार्य अकादमी चुलियाणा व योग को समर्पित संस्था वैदिक योगशाला कुरुक्षेत्र (हरियाणा)  द्वारा अपने वार्षिक साहित्यिक पुरस्कारों (2021) की घोषणा कर दी गई है। श्रीमती हेमलता हिन्दी साहित्य (गद्य, पद्य) पुरस्कार के अंतर्गत प्रथम सांझा पुरस्कार श्री विकल सिंह फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) की पुस्तक आदिवासी कविताएं व डॉ. अनु पाण्डेय आणंद (गुजरात) की पुस्तक समकालिन साहित्य में किन्नर विमर्श और अन्य संदर्भ को, द्वितीय सांझा पुरस्कार डॉ. कृष्णा आचार्य बीकानेर (राजस्थान) की पुस्तक पांचाली व सेवासदन प्रसाद नवीं मुबई (महाराष्ट्र) की पुस्तक मेरी सर्वश्रेष्ठ लघुकथाएं को तथा तृतीय सांझा पुरस्कार डॉ. मधुकांत रोहतक (हरियाणा) की पुस्तक नमिता सिंह मूछों वाली व राधिका के. त्रिवेंन्द्रम (केरल) की पुस्तक समकालिन साहित्य चिंतन एवं आयाम को दिया गया। इसी वर्ग में  डॉ वंदना मिश्रा की पुस्तक बहुत कुछ शेष है अभी, नवलपाल प्रभाकर दिनकर झज्जर (हरियाणा) की पुस्तक तुम्हारा साथ, डॉ. दीन्दयाल साहू दुर्ग (छतीसगढ) की पुस्तक आंचलिक संस्कृति में देवारों का योग तथा बृजेश  आनन्द राय जौनपुर (उत्तर प्रदेश) की पुस्तक को सान्तवना पुरस्कार भी दिया गया। स्वामी दयानंद सरस्वती दर्शनशास्त्र, राष्ट्रवाद, सनातन वैदिक धर्म व संस्कृति के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार डॉ. आशुतोष पारिक अजमेर (राजस्थान) की पुस्तक सामाजिक चेतना के संवाहक स्वामी दयानंद सरस्वती को द्वितीय पुस्कार डॉ. गुलाबचंद पटेल गांधी नगर (गुजरात) की वैश्विक परिप्रेक्ष्य में गांधी और अन्य शोध को तथा तृतीय पुरस्कार डॉ. मनीषा दुबे धमोह (मध्य प्रदेश) की पुस्तक को दिया गया। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर समानता व समानता पुरस्कार के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार डॉ. पायल लिल्हारे झांसी (उत्तर प्रदेश) की पुस्तक डॉ. भीमराव अंबेडकर का वैचारिक चिंतन को तथा द्वितीय पुरस्कार प्रो. आमलपुरे सूर्यकांत विश्वनाथ रायगढ (महाराष्ट्र) की पुस्तक संत रविदास सृजन के आलोक को दिया गया। तृतीय पुरस्कार के लिए कोई भी पुस्तक उपयुक्त नहीं पाई गई। चौधरी छोटूराम किसान, खेतीबाडी, मजदूरी व शिक्षा पुरस्कार के अंतर्गत कोई भी पुस्तक उपयुक्त नहीं पाई गई। आयोजक समिति व आचार्य अकादमी चुलियाणा रोहतक हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. शीलक राम आचार्य ने सभी विजेताओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने यह भी बताया कि सभी विजेताओं को इनामी राशि, स्मृति चिन्ह तथा प्रमाण-पत्र तथा सान्तवना पुरस्कार विजेताओं को स्मृति चिन्ह व प्रमाण-पत्र डाक के द्वारा भेजे जाएंगे।