विश्वविद्यालय में प्लेसमेन्ट सेल क्रियाशील , बी.टेक के 117, एमबीए के 17 और एमसीए के 3 छात्रों का प्लेसमेंट हुआ- प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह



लखनऊ 02 फरवरी, 2022। डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह द्वारा कार्यभार ग्रहण करने के  तीन वर्ष  पूर्ण होने के अवसर पर विशेष वार्ता में कुलपति प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह  ने बताया कि  विश्वविद्यालय में अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के अन्तर्गत 05 पाठ्यक्रमों(CSE, ME, EC, EE  एवं CE) के संचालन हेतु अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ( AICTE),  नई दिल्ली द्वारा विश्वविद्यालय को मान्यता प्रदान की गयी है। उक्त पाठ्यक्रमों का संचालन विगत वर्षांे से मान्यता के अभाव में संचालित किया जा रहा था। 



विश्वविद्यालय में उ0 प्र0 शासन द्वारा परीक्षा नियंत्रक का पद सृजित किया गया जिस पर तत्काल नियुक्ति कराते हुए विश्वविद्यालय परीक्षा विनियम, 2020 को विभिन्न परिषदों से पारित कराते हुए लागू कराया गया। श्री सिंह  ने बताया कि विश्वविद्यालय में कार्यरत् शिक्षकों द्वारा पूर्व संस्थाओं में की गयी सेवाओं की गणना हेतु समिति का गठन कर शिक्षकवृन्द द्वारा की गयी पूर्व सेवाओं की गणना सम्बन्धी प्रारूप विकसित करते हुए पात्र शिक्षकों से प्राप्त आवेदनों पर गठित समिति द्वारा सम्यक् विचरोपरान्त 12 शिक्षकवृन्द की पूर्व संस्था में की गई सेवा की गणना से सम्बन्धित कार्यवाही सम्पन्न की गयी तथा अन्य के विषय में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। 



श्री सिंह  ने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना काल से कार्यरत् विभिन्न शैक्षिक संवर्ग की पदोन्नति की प्रक्रिया को प्रारम्भ कर लगभग 55 शिक्षकों को उनके विभिन्न वांछित ग्रेड में पदोन्नति दी गयी। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों मंे शिक्षकों की कमी को पूरा करने हेतु विज्ञापन निर्गत करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को जुलाई, 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। 


श्री सिंह  ने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना के 11वें वर्ष के अवसर पर सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा दिनाँक 14 दिसम्बर, 2020 को 7वें दीक्षान्त समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय का डाक टिकट जारी किया गया है। 

श्री सिंह  ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थी एवं कर्मचारियों की सुविधा के दृष्टिगत बाधारहित परिसर में डाक विभाग के सहयोग से दिनाँक 14 दिसम्बर, 2020 ‘डाकघर’ की स्थापना कराते हुए उसका संचालन भी किया जा रहा है। 


दिव्यांगजनों की शिक्षा एवं उनके पुनर्वास की दिशा में निरन्तर प्रगति करते हुए विश्वविद्यालय में समेकित विद्यालय, डेफ कॉलेज, कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र, डाकघर तथा बाधारहित स्टेडियम का लोकार्पण उत्तर प्रदेश की मा0 राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाध्यक्ष श्रीमती आनन्दीबेन पटेल एवं उत्तर प्रदेश के मा0 माननीय मुख्यमंत्री एवं विश्वविद्यालय की सामान्य परिषद के अध्यक्ष श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा 7वें दीक्षान्त समारोह दिनाँक 14 दिसम्बर, 2020 के अवसर पर की जा चुकी है जिसकी कार्ययोजना तैयार कराते हुए संचालन यथाशीघ्र किया जाना प्रस्तावित है। 

विश्वविद्यालय में अटल आडिटोरियम के सम्मुख पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी की प्रतिमा स्थापित कराते हुए उसका अनावरण उत्तर प्रदेश की मा0 राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाध्यक्ष श्रीमती आनन्दीबेन पटेल एवं उत्तर प्रदेश के मा0 माननीय मुख्यमंत्री एवं विश्वविद्यालय की सामान्य परिषद के अध्यक्ष श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा किया जा चुका है। 


श्री सिंह  ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के मानकों के अनुरूप दिव्यांग के साथ-साथ सामान्य विद्यार्थियों के पठन-पाठन हेतु उच्च शिक्षा के क्षेत्र प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन शिक्षण पद्धति की व्यवस्था को सघन रूप में अंगीकार करते हुए विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुरूप पठन-पाठन किया जा रहा है। 


राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मानकों के अनुरूप अपने दिव्यांग विद्यार्थियों को समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित करने के पावन उद्देश्य से राज्य सरकार के सहयोग से दिव्यांग विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा, छात्रावास एवं भोजन आदि की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।

विश्वविद्यालय ने कोविड-19 की महामारी की चुनौतियों को अवसर के रूप में बदलते हुए तकनीकी (प्ज्) विधियों का अपनी आवश्यकता के अनुरूप ऑनलाइन शिक्षण पद्धति की व्यवस्था को सघन रूप में अंगीकार किया एवं विश्वविद्यालय के शिक्षकवृंद ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के महती दायित्व का सफलता के साथ निवर्हन किया। 

विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान उसके द्वारा शोध के क्षेत्र में किए गए कार्याें से होती है। विश्वविद्यालय में सत्र 2014-15 से विभिन्न संकायों के अन्तर्गत रूके हुए शोधकार्यों को गति प्रदान करते हुए शोध परिनियम (Ph.D. Regulation½  को विश्वविद्यालय की विभिन्न परिषदों से पारित कराते हुए लागू कराया गया,  जिसके द्वारा विभिन्न संकायों के अन्तर्गत लगभग 31 शोधार्थियों को डाक्टरेट की उपाधि प्रदान की जा चुकी है, तथा द्वारा 50 शोधार्थियों द्वारा अपना शोध कार्य पूर्ण कर शोध ग्रन्थ जमा किये जा चुके हैं। विगत तीन वर्षों बाद विश्वविद्यालय पुनः शोध कार्यक्रम में प्रवेश हेतु परीक्षा का आयोजन दिनाँक 04 फरवरी, 2022 को किया जा रहा है। 

श्री सिंह  ने बताया कि विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने हेतु उच्च स्तरीय शोध पत्रिकाओं एवं पुस्तकों का क्रय किए जाने की प्रक्रिया भी प्रारम्भ हो चुकी है। साथ ही साथ शोध की गुणवत्ता एवं दिव्यांगजन के शिक्षा एवं पुनर्वास को प्रभावी बनाने हेतु विश्वविद्यालय ने इनफ्लिबनेट, ए0के0टी0यू0 एवं अन्य संस्थाओं के साथ एम0ओ0यू0 किया है। 

विश्वविद्यालय द्वारा गुणवत्तापरक शोध पत्रों के प्रकाशन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा ऐसे प्रकाशन हो रहे हैं जिनका इम्पैक्ट फैक्टर और साईटेशन का स्तर उत्कृष्ट कोटि का है। 

विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट कार्यों की दिशा में भी सराहनीय प्रयास किया जा रहा है तथा प्रोजेक्ट के लिए उपयुक्त संस्थाओं के विशेषज्ञों से सलाह लेकर तैयारी की जा रही है जिनमें से कुछ तो संचालित हो रहे हैं तथा कुछ संस्थाओं को भेजे गये हैं जिनको प्राप्त करने की पूर्ण संभावना है। 

विश्वविद्यालय द्वारा निकट भविष्य में नैक (¼National Assessment & Accreditation Council, NAAC½ का मूल्यांकन कराया जाना प्रस्तावित है। इस हेतु विश्वविद्यालय द्वारा (Internal Quality Assurance Cell, IQAC½  के तत्वाधान में अपेक्षित तैयारी की जा रही है। नैक छ।।ब् से मूल्यांकन कराने का उद्देश्य विश्वविद्यालय में शिक्षण, शोध, प्रशिक्षण की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर वृद्धि करते हुये सामान्य विद्यार्थियों के साथ दिव्यांग विद्यार्थियों को भी रोजगारोउन्मुख करते हुये आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा। 

शैक्षिक सत्र 2019-20 से पहले केवल उत्तर प्रदेश राज्य के दिव्यांग विद्यार्थियों को छात्रावास में निःशुल्क रहने एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रहीं थीं, परन्तु दिनांक 20 अगस्त, 2019 को आहूत अध्यक्ष सामान्य परिषद/ मुख्यमंत्री़, उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय की सामान्य परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश केे बाहर, देश के अन्य राज्यों से विश्वविद्यालय में अध्ययन करने आये दिव्यांग विद्यार्थियों को भी उक्त निःशुल्क सुविधा अनुमन्य की जाएगी, तदनुसार कार्यवाही की जा रही है।   

विश्वविद्यालय में शोध कार्य के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय में पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप का प्रारम्भ किया जा चुका है जिसमें भौतिक एवं रासायनिक विज्ञान में एक-एक कुल मिलाकर दो शोधार्थियों का चयन किया गया है। पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप लागू करने में डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान है। 



श्री सिंह  ने बताया कि विश्वविद्यालय में प्लेसमेन्ट सेल क्रियाशील है। विश्वविद्यालय के दिव्यांग एवं सामान्य छात्र-छात्राओं का केन्द्र, राज्य एवं अन्य सेवाओं जैसे उच्च शिक्षा, न्यायिक सेवा, निजी क्षेत्र में प्लेसमेंट किया जा रहा है। वर्तमान में विभिन्न पाठ्यक्रमों के कुल 137 छात्रों का चयन हुआ है, जिसमें से बी.टेक के 117, एमबीए के 17 और एमसीए के 3 छात्रों का प्लेसमेंट हुआ।

केन्द्रीय पुस्तकालय के अधीन संसाधनों को बढ़ावा देते हुए दिव्यांगजनों की आवश्यकता के दृष्टिगत आडियो-विडियो लाइब्रेरी, ई-लाइब्रेरी, ई-जर्नल्स एवं अन्य साफ्टवेयर उपलब्ध कराये जाने सम्बन्धी कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर सम्पादित किया जा रहा है। ध्यातव्य है कि दृष्टिबाधित विद्यार्थियों हेतु मिनी टाँकिंग बुक स्टूडियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके।  

विश्वविद्यालय द्वारा प्रथम बार किसी वाह्य परीक्षा हेतु विश्वविद्यालय को परीक्षा केन्द्र बनाया गया। विधि के विद्यार्थियों हेतु आयोजित प्रवेश परीक्षा CLAT,  2021 में परीक्षा केन्द्र के रूप में विश्वविद्यालय द्वारा 1500 विद्यार्थियों की प्रवेश परीक्षा सम्पन्न करायी गयी। 

दृष्टि बाधित विद्यार्थियों की आवश्यकतानुसार सहयोगी स्टाफ यथा-साइन लैग्वेज इण्टरप्रेटर, रीडर, ब्रेल प्रूफ रीडर, मोबिलिअी इन्स्ट्रक्टर आदि पदों का सृजन की कार्यवाही तथा कुछेक पदों को संविदा/मानेदय के आधार पर भरा भी जा चुका है।