हसी,खुशी,मस्ती मे गुजरती है जिन्दगी,

 दोस्ती,नियामत है कुदरत की,निभाने की कोशिश किया करो लुत्फ उठावोंगे जिंदगी का।

सारे रिश्तो से बढकर है दोस्ती, हर रिश्ते मे मिलाकर दोस्ती, मज़ा पावोंगे जिंदगी का।

दोस्ती भुलाई नही जाती कई दरारो के बाद भी मुश्किल मे काम आता है ये रिश्ता हमदर्दी का।

हसी,खुशी,मस्ती मे गुजरती है जिन्दगी,

रिश्ता होना चाहिए सच्चे दिल से दोस्ती का।

आशफाक खोपेकर