लखनऊ: मदरसा बोर्ड ऑफ एजुकेशन, उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने आज गोलागंज स्थित प्रसिद्ध शिया धार्मिक शैक्षणिक एवं कल्याणकारी संस्था तनज़ीमुल मकातिब का दौरा किया। तनज़ीमुल मकातिब के सचिव मौलाना सय्यद सफी हैदर ज़ैदी और संस्था के अन्य कर्मचारियों और कार्यालय के कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया। तनज़ीमुल मकातिब हॉल में जामिया इमामिया के शिक्षकों और छात्रों की एक बैठक आयोजित हुई। बैठक की शुरुआत मौलवी मीसम रज़ा मूसवी जम्मू ज़िला पुंछ ने पवित्र कुरआन की तिलावत से किया। जामिया इमामिया के प्रधानाचार्य मौलाना सय्यद मुनव्वर हुसैन ने विशिष्ट अतिथि डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद का फूलों का गुलदस्ता भेंट करके स्वागत किया और संस्था तनज़ीमुल मकातिब के सचिव ने
चेयरमैन मदरसा शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश ने अपने संबोधन में कहा कि मैं कुर्सी पर बैठने वाला अध्यक्ष नहीं बना हूं बल्कि मैं लगातार मदरसों का दौरा कर रहा हूं, हम मदरसों में फैली भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। मदरसा पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब स० के समय से स्थापित हैं और लगातार पढ़ाया जा रहा है। अगर यह मदरसे न होते तो न जाने हम कहां होते। हज़रत मोहम्मद साहब ने कहा ज्ञान प्राप्त करें, भले ही आपको चीन जाना पड़े। इसका मतलब शिक्षा प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करना है। मुसीबतों और मुश्किलों को सहन करना चाहिए और ज्ञान जहां मिले वहीं से लेना चाहिए, दीन, धर्म संप्रदाय न देखा जाए।
संस्था तनज़ीमुल मकातिब के सचिव मौलाना सय्यद सफी हैदर ज़ैदी ने मेहमानों का धन्यवाद किया और तनज़ीमुल मकातिब की सेवाओं का वर्णन किया और जामिया इमामिया तनज़ीमुल मकातिब की शैक्षिक प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए कहा जामिया इमामिया में धार्मिक शिक्षा के साथ साथ हिंदी, गणित, इंग्लिश और कंप्यूटर की भी शिक्षा दी जाती है। यहां परीक्षाओं में 60% अंकों को प्राप्त कर के ही छात्रों को सफलता मिलती है सफल। हर महीने परीक्षाएं होती हैं, इसी तरह साल में दो सेमेस्टर होते हैं और ऐसी परीक्षाएं होती हैं जिनमें सभी परीक्षाओं में 60% से अधिक अंक लाने वाले छात्र को अगली कक्षा में प्रवेश मिलता है।
अंत में जामिया इमामिया के छात्रों ने बेहतरीन अंदाज में नशीद इमामे ज़माना अ०ज० और राष्ट्रगान का पढ़ा।
जामिया इमामिया के बाद डॉ इफ्तिखार अहमद जावेद ने जमीअतुज़ ज़हरा तनज़ीमुल मकातिब दौरा किया। जहाँ जमीअतुज़ ज़हरा तनज़ीमुल मकातिब के प्रबंधक मौलाना सय्यद तहज़ीबुल हसन ने उनकी सेवा में एक गुलदस्ता प्रस्तुत करके स्वागत किया। जमीअतुज़ ज़हरा तनज़ीमुल मकातिब की प्रभारी नाज़रा जाफर ने वहां की शैक्षिक और प्रशिक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की।
स्पष्ट रहे कि भारत के प्रसिद्ध आलिम खतीबे आज़म मौलाना सय्यद गुलाम अस्करी त०स० ने 11 अगस्त 1968 ई० को पांच मकतबो से इस संस्था की स्थापना की थी की आज भारत के 18 राज्यों में 1200 से अधिक मकातिब स्थापित हैं। 35 स्कूल और 40 इमामिया स्टडी सेंटर स्थापित हैं।