अनेक वीरांगनाओं ने स्वाधीनता आन्दोलन को नई दिशा दी थी - श्रीमती आनंदीबेन पटेल

                    

-
राज्यपाल जी ने ज्ञात एवं अज्ञात अनेक वीरांगनाओं भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की
----
स्वाधीनता आंदोलन में अनेक वीरांगनाओं का महत्वपूर्ण योगदान
-----
माँ भारती की अस्मिता की रक्षक वीर सुपुत्रियों के योगदान के प्रति यह राष्ट्र आज भी नतमस्तक एवं कृतज्ञ है
-----
लखनऊ : 4 जनवरी, 2022
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज की अध्यक्ष श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज में आयोजित स्वतंत्रता आन्दोलन में महिलाओं की भूमिका विषयक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि स्वाधीनता आन्दोलन में पुरूषों के साथ-साथ आजादी की अनेक वीरांगनाओं ने अपनी सहभागिता से इस आन्दोलन को नई दिशा दी थी। उन्होंने देश की रक्षा के लिए पुरूषों को अनुप्रेरित करने का भी महत्वपूर्ण कार्य किया।
राज्यपाल जी ने कहा कि जीवन के कठोर पहलुओं से अनभिज्ञ भारतीय महिलाओं ने घरों की सुरक्षित दीवारें त्याग कर पुरूषों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर कार्य किया। और देश की स्वाधीनता के लिये अपने पति और पुत्रों को जेल जाने पर न केवल बधाई दी, बल्कि उनके उत्साह को शिथिल भी नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भारत माता की अनेक पुत्रियों ने बहुजन हितार्थ की रक्षा अथवा परम्परागत रूढ़ियों के बंधन को तोड़कर कुरीतियों को दूर करने में अपना सर्वस्व त्याग किया। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने देश की ज्ञात एवं अज्ञात वीर वीरांगनाओं को स्मरण करते हुए अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्यपाल जी ने बताया कि इस वर्ष पूरा देश स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ पर ‘अमृत महोत्सव’ मना रहा है। ऐसे में देश के कोने-कोने के स्वाधीनता आन्दोलन की वीर वीरांगनाओं का पुण्य स्मरण करना और उनकी गाथाओं से नई पीढ़ी को अवगत कराने का कार्य हम सभी को करना है। माँ भारती की अस्मिता की रक्षक इन वीर सुपुत्रियों के योगदान के प्रति यह राष्ट्र आज भी नतमस्तक एवं कृतज्ञ है।
राज्यपाल जी ने कहा कि अनेक ऐसी वीरांगनाएं भी थी जो अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर पर छोड़ कर जेल गईं। वास्तव में हमनें स्वाधीनता की लड़ाई में जो सफलता प्राप्त की है, उसका श्रेय नारी जाति को जाता है। हमारे देश में असंख्य ऐसी वीरांगनाएं हैं, जिनके अटूट साहस, त्याग, समर्पण की गाथाएं आज भी देश के स्वाधीनता इतिहास का गौरव बढ़ा रही हैं। उनमें रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, बेगम हजरत महल, रानी चेनम्मा, ऊदा देवी, अजीजन बेगम, अवन्ती बाई, टेसू बाई, सावित्री बाई फूले, लक्ष्मी सहगल, कस्तूरबा गांधी, दुर्गा बाई देशमुख, दुर्गा भाभी, एनीबेसेन्ट आदि आदि प्रमुख हैं।
इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिन्दल, इलाहाबाद संग्रहालय के प्रभारी निदेशक डॉ0 अखिलेश कुमार सिंह सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।