समाजवादी पार्टी के विधान परिषद शतरूद्र प्रकाश ने प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्रमोदी एवं श्री योगी आदित्यनाथ सरकार को नियोजित तरीके से अकल्पनीय विश्वधाम/मंदिर परिसर को विशाल तथा सुन्दर बनाने हेतु बधाई दी
सुरेन्द्र अग्निहोत्री लखनऊ ,नियम 59 (5) के अंतर्गत में सभापति की अनुज्ञा से विधान परिषद के सदन में प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए समाजवादी पार्टी के विधान परिषद शतरूद्र प्रकाश ने दल की संकीर्णता को तोडते हुए कहा कि -‘‘यह सदन 13 दिसंबर 2021 को विश्व की निरंतर जीवंतनगरी तथा देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी के सांस्कृतिक गौरव और उसकी अस्मिता विश्वेश्वर क्षेत्र (विश्वनाथ धाम) का ‘‘ऐतिहासिक नया अध्याय’’ प्रारम्भ करने के लिए वाराणसी से निर्वाचित लोक सभा के सदस्य एवं भारत संघ के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्रमोदी एवं श्री योगी आदित्यनाथ सरकार को नियोजित तरीके से अकल्पनीय विश्वधाम/मंदिर परिसर को विशाल तथा सुन्दर बनाने हेतु बधाई देता है। यह सदन उनसबको भी हार्दिक बधाई देता है जिन्होंने इसमें सहयोग दिया, कड़ी मेहनत करनेवाले अनेक मजदूर (खासकर मृतक) एवं अधिकारी व कर्मचारी भी बधाई के पात्र हैं।
उ0प्र0 राज्य सरकार द्वारा अधिनियमित श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद वाराणसी अधिनियम 2018 के अंतर्गत करीब 800 करोड़ रू0की लागत से गंगा के तट पर नव निर्मित 5,27,760 वर्ग फीट पर ‘‘विश्वनाथ धाम’’ कानिर्माण व लोकार्पण भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया। यह अद्भुतकार्य कई शताब्दी की पीढ़ीयों तक स्मरण किया जाता रहेगा। काशी में गंगा तट परविश्वनाथ सत्य हैं, सुन्दर हैं, शिव हैं-समता-ममता रूपी-अनंत, अनादि हैं.... ‘‘हर हर महादेव शम्भू-काशी विश्वनाथ गंगे’’.... यही विश्वनाथ धाम है।यह सदन दिनांक 22.11.1999 को रानी भवानी, पंचमुखी गणेश मंदिर तथा दिनांक 4जुलाई 2002 को विलेख संख्या 3038 के जरिए तारकेश्वर मंदिर की खरीद कर विश्वनाथधाम का विस्तार करने के लिए तथा सदन में सपा विधान दल व अन्य द्वारा श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र के विकास परिषद वाराणसी विधेयक का समर्थन करने हेतु भ ीबधाई प्रेषित करता है। स्न् 1777-78 में काशी अवस्थित द्वादशज्योतिर्लिंग पर इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होलकर द्वारा जीर्णाेद्धार किए गएविश्व के करोड़ों की आस्था के प्रतीक बाबा के इस मंदिर को तथा गंगा तट तक फैलेइसके परिसर को नया आयाम मिला है। अब उसका भव्य और विशिष्ट स्वरूप् जन जन क ोदिखेगा।आशा है भविष्य में बाबा का दर्शन, पूजन करने,जलाभिषेक-रुद्राभिषेक-दुग्धाभिषेक करने, आरती व ध्यान आदि करने में स्थान का अभाव नहीं होगा, धक्का-मुक्की नहीं होगी, किसी दर्शनार्थी के साथ बदसलूकी नही होगी। 3500 वर्ग मीटर वाले इस विशाल क्षेत्र की वजह से शिवरात्रि पर गोदौलिया से चौक तक लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। सन 2005 में किसी सिरफिरे अफसर ने मंदिर की दीवारों पर रासायनिक पेण्ट पोतवा दिया था। इसे हटावा जाना तथा मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कराना हम लोगों की पुरानी मांग थी। पता चलाहै कि एनामिल पेण्ट को हटा दिया गया है।इससे मंदिर की शिलाएं संरक्षित और सुरक्षित रहेंगी। दक्षिण अफ्रिका जाने से पहले माहत्मा गांधी द्वारा मंदिर के दर्शन करने में दिखी गंदगी अब नहीं दिखेगी। डा0 लोहिया द्वारा लिखित ‘‘इंटरवलड्यूरिंग पालिटिक्स’’ लेख में उनके द्वारा किए गए आवाहन ‘‘तीर्थाे को बनाओ और साथ रखो’’ भी चरितार्थ होता दिखेगा।गंगा और उसके घाटों की रमणीयता एवं अनेक पौराणिक मंदिरों की शृंखला होने की वजह से काशी सदैव से ऋषि मुनियों की साधना स्थल तथा दर्शनार्थियों, तीर्थ यात्रियों के आवागमन का केंद्र रहा है।इसके साथ ही साथ यह पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों का भी प्रमुख बाजार रहा है।आशा है यह गतिविधियां विकासमान होगी।यह सदन भारत और उ0प्र0 सरकार से अपेक्षा करता है किउक्त सरकारें वाराणसी स्थित इस विश्वनाथ धाम को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित कराने के लिए विशेष पहल करेंगी।