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उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में महाप्रबंधक प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में शामिल सभी अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रमोद कुमार ने कहा कि संवैधानिक एवं विधिक प्रावधानों के अंतर्गत राजभाषा नीति को लागू करना और इसका शत-प्रतिशत कार्यान्वयन हम सबका प्रमुख दायित्व है। उन्होंने बैठक में शामिल सभी सदस्यों को निर्देश दिया कि वे अपने कार्यक्षेत्र में राजभाषा कार्यान्वयन पर विशेष निगरानी रखें और पाई गई कमियों को दूर कराकर राजभाषा के प्रयोग-प्रसार में वृद्धि सुनिश्चित करें। प्रमोद कुमार ने इस बात पर विशेष बल देते हुए कहा कि राजभाषा के विभिन्न प्रावधानों को लागू कराने के लिए रेलवे बोर्ड स्तर से प्राप्त सभी आदेशों, निर्देशों, कार्यक्रमों आदि पर पूरी तत्परता से कार्रवाई की जानी चाहिए और राजभाषा के निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार अपेक्षित प्रगति हेतु पूरा प्रयास किया जाना चाहिए। महाप्रबंधक ने कहा कि राजभाषा के प्रयोग-प्रसार के लिए रूटीन कार्यों के अतिरिक्त मौलिक एवं अभिनव प्रयास भी आज समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है, ताकि एक नई ऊर्जा के साथ हम अपने सरकारी कार्यों में हिंदी के प्रयोग को गति प्रदान कर सकें। इस उद्देश्य से कर्मचारियों के लिए हर स्तर पर चलाए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों में राजभाषा के परंपरागत विषयों के साथ-साथ नई प्रणालियों और कंप्यूटर एप्लिकेशनों में हिंदी के प्रयोग से संबंधित प्रशिक्षण कार्य को भी शामिल किया जाए। प्रमोद कुमार ने माघ मेले के विशेष संदर्भ में आदेश दिया कि लाखों की संख्या में आने वाले विभिन्न भाषा भाषी श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्टेशन परिसरों एवं जनसंपर्क स्थलों पर सभी प्रकार के सूचना बोर्ड, समय-सारणी, किराया सूची एवं इलेक्ट्रानिक प्रदर्शन बोर्डों को हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी रूप में प्रदर्शित किया जाना सुनिश्चित किया जाए। प्रमोद कुमार ने उत्तर मध्य रेलवे की वेबसाइट को पूरी तरह से द्विभाषी में करने तथा स्टेशन संचालन नियमों एवं गेट संचालन अनुदेशों और उनके करेक्शन स्लिप हिंदी-अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जारी करने की हिदायत दी। बैठक के प्रारंभ में श्री प्रमोद कुमार ने मुख्यालय की त्रैमासिक राजभाषा पत्रिका ''रेल संगम'' का विमोचन किया।
बैठक के प्रारंभ में उप मुख्य राजभाषा अधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने समिति के सभी सदस्यों को राजभाषा का प्रयोग प्रसार बढ़ाने के लिए किए गए कार्यों से अवगत कराते हुए कहा कि पिछली बैठक के बाद से अब तक 7 हिंदी कार्यशालाएं आयोजित की गई। इसके अलावा विभिन्न साहित्यकारों की जयंतियों के अवसर पर साहित्यिक संगोष्ठियां भी आयोजित की गईं तथा राजभाषा पत्रिकाओं का प्रकाशन किया गया। उन्होंने समिति को अवगत कराया कि हिंदी में उत्कृष्ट कार्य के लिए रेल मंत्रालय द्वारा अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा.) आगरा, हीरेन्द्र सिंह राणा को रेल मंत्री राजभाषा पदक प्रदान करने की घोषणा की गई है।
बैठक में प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी नंद किशोर ने ''हिंदी हो जन-जन की भाषा, यह सबकी अभिलाषा है'' नामक अपनी प्रेरक और प्रभावशाली कविता का पाठ किया। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक एम.एन. ओझा ने धर्मवीर भारती के साहित्य पर चर्चा करते हुए कहा कि धर्मवीर भारती का साहित्य ऐसी रूमानी संवेदनाओं की अभिव्यक्ति है, जिसके शिल्प एवं वस्तु संयोजना में मिथकीय, ऐतिहासिक और समाकलीन यथार्थ तथा आधुनिक भावबोध एवं तीक्ष्ण अंतर्द्वंद्व की समवेत अभिव्यंजना हुई है। भारती के उपन्यास गुनाहों का देवता, सूरज का सातवां घोड़ा, काव्यनाटक अंधायुग तथा काव्यकृति कनुप्रिया हर पीढ़ी के पाठकों की प्रिय रचनाएं हैं। उन्होंने समकालीन लोकप्रिय पत्रिका धर्मयुग का संपादन कर उसे साहित्य एवं संस्कृति के साथ साथ विविध क्षेत्रों में श्रेष्ठता के शीर्ष पर पहुँचा दिया। उनके नाट्य गीत 'अंधायुग' की शुरुआत उनके प्रारंभिक कविता 'सात गीत वर्ष' की पंक्ति ''मैं टूटा हुआ पहिया हूँ, फेको मत' में देखी जा सकती है। मिथकों के प्रयोग और संयोजन की दृष्टि से अंधायुग हिंदी की सर्वश्रेष्ठ रचना है। श्री ओझा ने अंधायुग तथा कनुप्रिया के कईं अंशों का प्रभावशाली पाठ किया। श्री ओझा ने रघुवीर सहाय के साहित्य पर चर्चा करते हुए कहा कि वे अज्ञेय के बाद विशिष्ट राजनैतिक और साहित्यिक पत्रिका 'दिनमान' के यशस्वी संपादक थे। उनके लेखन में उनके पत्रकार व्यक्तित्व का पूरा प्रभाव है। वे समय और समाज की खबर लिखते थे, उसे छापते थे साथ ही उनकी खबर भी लेते थे। रघुवीर सहाय की अभिव्यक्तियों में अपने समय की विद्रुपता और विकृतियां व्यंजित हुई हैं।
बैठक में प्रधान कार्यालय के सभी प्रधान विभागाध्यक्ष एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। मंडलों के अपर मंडल रेल प्रबंधक, कारखानों के मुख्य कारखाना प्रबंधकों एवं अन्य सदस्य अधिकारियों ने बैठक में आन लाइन सहभागिता की। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में हो रही राजभाषा प्रगति से महाप्रबंधक को अवगत कराया। बैठक का संचालन वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी चन्द्र भूषण पाण्डेय द्वारा किया गया।