बालीवुड: लौट रहे हैं खिलखिलाने के दिन
लगभग ढाई साल के अंतराल के बाद सिनेमा जगत के खुश होने के दिन आए हैं। पिछले दिनों रिलीज अक्षय कुमार की सुपरहिट फिल्म सूर्यवंशी के 200 करोड़ की लगभग कमाई के बाद पिछले दिनों रिलीज दो और फिल्में भी 200 करोड़ के आंकड़े की ओर अग्रसर हैं जो अत्यंत प्रसन्नता की बात है। ये फिल्में स्पाइडर-मैन और पुष्पा हैं जिनमें बालीवुड की टिकट विंडो लूटने की प्रतिस्पर्धा चल रही है। आश्चर्य की बात यह है कि यह दोनों हिंदी फिल्में नहीं हैं। इनमें एक तो हिंदी (डब)/अंग्रेजी में रिलीज है और दूसरी दक्षिण भारतीय कलाकारों अभिनीत पुष्पा हैं जो दक्षिण के राज्यों में तो धमाल मचा ही रही है, इसका हिंदी में डब वर्ज़न भी धूम मचा रहा है। उत्तर भारतीय राज्यों में इसने हिंदी बाक्स आफिस के सिकंदर माने जाने वाले सलमान खान की राधे की कमाई को पीछे छोड़ दिया है जो हाल में रिलीज हुई और बाक्स आफिस पर मुरझा गयी। सलमान का नाम बाक्स आफिस पर सफलता की गारंटी माना जाता है, इसलिए राधे के बाद निर्माता निर्देशकों के चेहरे मुरझाए हुए थे जिन्हें पहले सूर्यवंशी ने ताजगी दी और अब स्पाइडर-मैन और पुष्पा की सफलता ने खिलखिलाने का अवसर दिया है। 22 मार्च 2019 को भारत में कोविड के आगमन के बाद पहले जनता कर्फ्यू और बाद में लंबे लाकडाउन ने फिल्म जगत को तबाह सा कर दिया। इस बीच दो सालों तक बड़ी-बड़ी फिल्में डिब्बों में बंद धूल फांकती रही। सिनेमाघरों पर ताले लगे होने के कारण कुछ निर्माता-निर्देशक ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की ओर आकर्षित हुए लेकिन ओटीटी पर रिलीज से उन बड़ी फिल्मों की लागत भी न निकल सकी जो अरबों रुपए से बनी थीं। हां, छोटी फिल्मों के निर्माताओं को ओटीटी ने मुस्कराने का अवसर जरुर दिया जिनकी फिल्मों की लागत अधिक न थी। इन फिल्मों को तारीफ भी मिली और पैसा भी। ओटीटी पर फिल्मों की रिलीज की पहल से छोटे-छोटे कलाकारों और तकनीशियनों के घर भी चलने लगे जो फिल्में और टीवी धारावाहिकों का निर्माण बंद होने से सड़क पर आ गये थे। इनमें से कइयों के परिवारों को फिल्म जगत के बड़े कलाकारों ने मदद दी या इंपा जैसी संस्थाओं ने। बहरहाल इन तीन फिल्मों की रिकार्ड तोड़ सफलता से न केवल समूचा भारतीय फिल्म जगत हर्षित है। साथ ही हिन्दी फिल्म जगत की मूर्च्छा भी टूटी है। अब अनेक निर्माता दर्शकों के सिनेमाघरों में आने का मूड देखते हुए अपनी फिल्में रिलीज करने को तैयार हो रहे हैं। यह अच्छी खबर है, लेकिन बुरी खबर यह भी है पिछले दिनों से कोविड का नया वैरिएंट महाराष्ट्र सहित पूरे भारत में दस्तक दे रहा है। फ़िल्म निर्माताओं को रिलीज के वक्त और दर्शकों को सिनेमाघरों में जाते वक्त ऐहतियात बरतनी जरुरी होगी वरना इन तीन फिल्मों की सफलता से उपजी राहत चार दिन की चांदनी बन सकती है। चूंकि भारत में सिनेमा को उद्योग की उपाधि प्राप्त है और इससे हजारों परिवारों का पेट पलता है, अतः सावधानियां आवश्यक हैं।