उन्यासी साल की उम्र पूरा करते ही पेंशनर 80 साल की उम्र में 20% बढ़ी हुई पेंशन पाने का हकदार

   उन्यासी साल की उम्र पूरा करते ही पेंशनर 80 साल की उम्र में 20% बढ़ी हुई पेंशन पाने का हकदार 

79 साल की आयु पूरा करते ही पेंशनर अस्सी साल में प्रवेश कर जाता है इसलिए उसे 20% बढ़ी हुयी पेंशन पाने का नियम लेकिन, प्रावधान को लागू न करने के कारण अस्सी साल की उम्र में भूतपूर्व सैनिक सेना कोर्ट जाने को मजबूर: विजय पाण्डेय 

लखनऊ, सेवानिवृत्त सैनिकों और सिविल कर्मचारियों के हितों के लिए निरंतर प्रयासरत अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने केद्र और राज्य सरकारों के सभी विभागों की लापरवाही को उजागर करते हुए बताया कि जो भी पेंशनर चाहे वह भारतीय सेना, केन्द्र सरकार या राज्य सरकार की सेवा में रहा हो और यदि, उसने अस्सी वर्ष की उम्र में प्रवेश कर लिया है तो उसे 20% पेंशन बढाकर दिए जाने का प्रावधान है लेकिन, वृद्धावस्था में विभाग की मनमानी के कारण उन्हें अस्सी वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद इसका लाभ दिया जा रहा है जबकि, नियम यह है कि जैसे ही पेंशनर उन्यासी साल की आयु पूरी कर लेगा उसके अगले दिन से वह अस्सी साल की उम्र में 20% बढ़ी हुई पेंशन का लाभ मिलना चाहिए, लेकिन सरकारी विभाग इक्यासी वर्ष की उम्र में प्रवेश करने पर अस्सी वर्ष की उम्र का लाभ दे रहे हैं, जिसके कारण पेंशनरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है l  

विजय पाण्डेय ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के विभाग तो मनमानी कर ही रहे हैं लेकिन, चिंता की स्थिति तो यह है कि सीमा पर अपना पूरा जीवन गुजारने वाले सैनिक भी अस्सी साल की उम्र में अदालत का चक्कर लगाने के लिए मजबूर किये जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि सरकारे कम से कम उन बिंदुओं पर तो बगैर अदालत आए लोगों को लाभ दें दें जिसे सुप्रीमकोर्ट और हाई कोर्ट तय कर चुके हैं, झारखंड उच्च-न्यायालय उच्च-न्यायलयों के सेवानिवृत जजों के मामले में यह फैसला सुना चुका है, इसके बावजूद अफसरशाही की नींद नहीं खुल रही है, जिस प्रकार से अस्सी साल के सैनिक सेना कोर्ट में इस छोटे से मामले में पहुँच रहे हैं उससे तो यही लगता है कि सरकार अपने भूतपूर्व सैनिकों के प्रति उदासीन हैं l