राज्यपाल ने ‘अतुल्य गंगा परियोजना’ का आनलाइन शुभारम्भ किया
नदियां पर्यावरण एवं प्राकृतिक जैव विविधता की संरक्षक होती हैं
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गंगा को निर्मल बनाने में लोगों की जागरूता व सहभागिता जरूरी-राज्यपाल
लखनऊः 15 दिसम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने राजभवन से ‘अतुल्य गंगा परियोजना’ के अन्तर्गत प्रयागराज से आज से प्रारम्भ होकर 10 अगस्त, 2021 तक चलने वाली 5100 किलोमीटर पैदल परिक्रमा का आनलाइन शुभारम्भ करते हुए कहा कि गंगा नदी हमारे देश व हमारी संस्कृति की पहचान व अमूल्य धरोहर है। जीवन दायिनी गंगा भारत की संस्कृति, आध्यात्मिक चिन्तन, जलवायु और अर्थव्यवस्था सभी पर अपनी अमिट छाप छोड़ती है। उन्होंने कहा कि गंगा के दोनों तटों पर वृक्षारोपण करती हुई गांवों और शहरों से गुजरने वाली भारत की सबसे लम्बी पदयात्रा से देश में गंगा सहित सभी नदियों के लिए व पर्यावरण संरक्षण के लिए एक नई ऊर्जा का संचार होगा। इस गंगा यात्रा से गंगा संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता व सहभागित भी बढ़ेगी।
राज्यपाल ने कहा कि गंगा एक प्राकृतिक संसाधन के रूप में देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। नदियां पर्यावरण और प्राकृतिक जैव विविधिता की संरक्षक हैं। उन्होंने कहा कि गंगा नदी अपने आसपास के क्षेत्र में मानव समाज ओर अन्य जीवों के साथ हमारों प्रजातियों के जलीय जीव-जन्तुओं का भी पोषण करती है। राज्यपाल ने कहा कि देश, प्रदेश एवं समाज का विकास हो, मगर विकास ऐसा हो जो प्राकृतिक स्रोतों को कम से कम नुकसान पहुंचाए। राज्यपाल ने अपील की कि हम सभी देशवासी प्राणदायिनी गंगा के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट को दूर करने के लिए एकजुट होकर इसे निर्मल बनाये रखने का प्रयास करें।
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने गंगा की मुंडमाल परिक्रमा के लिए सेना के पूर्व अधिकारियों, संरक्षक मण्डल के सभी सम्मानित सदस्यों एवं सहयोगी संगठनों के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर पर कर्नल मनोज केश्वर, लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहुमी, सैन्य अभियन्ता श्री गोपाल शर्मा, श्री हीरेन भाई एवं श्री योगेश शुक्ला आनलाइन जुड़े हुए थे।नदियां पर्यावरण एवं प्राकृतिक जैव विविधता की संरक्षक होती हैं
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गंगा को निर्मल बनाने में लोगों की जागरूता व सहभागिता जरूरी-राज्यपाल
लखनऊः 15 दिसम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने राजभवन से ‘अतुल्य गंगा परियोजना’ के अन्तर्गत प्रयागराज से आज से प्रारम्भ होकर 10 अगस्त, 2021 तक चलने वाली 5100 किलोमीटर पैदल परिक्रमा का आनलाइन शुभारम्भ करते हुए कहा कि गंगा नदी हमारे देश व हमारी संस्कृति की पहचान व अमूल्य धरोहर है। जीवन दायिनी गंगा भारत की संस्कृति, आध्यात्मिक चिन्तन, जलवायु और अर्थव्यवस्था सभी पर अपनी अमिट छाप छोड़ती है। उन्होंने कहा कि गंगा के दोनों तटों पर वृक्षारोपण करती हुई गांवों और शहरों से गुजरने वाली भारत की सबसे लम्बी पदयात्रा से देश में गंगा सहित सभी नदियों के लिए व पर्यावरण संरक्षण के लिए एक नई ऊर्जा का संचार होगा। इस गंगा यात्रा से गंगा संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता व सहभागित भी बढ़ेगी।
राज्यपाल ने कहा कि गंगा एक प्राकृतिक संसाधन के रूप में देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। नदियां पर्यावरण और प्राकृतिक जैव विविधिता की संरक्षक हैं। उन्होंने कहा कि गंगा नदी अपने आसपास के क्षेत्र में मानव समाज ओर अन्य जीवों के साथ हमारों प्रजातियों के जलीय जीव-जन्तुओं का भी पोषण करती है। राज्यपाल ने कहा कि देश, प्रदेश एवं समाज का विकास हो, मगर विकास ऐसा हो जो प्राकृतिक स्रोतों को कम से कम नुकसान पहुंचाए। राज्यपाल ने अपील की कि हम सभी देशवासी प्राणदायिनी गंगा के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट को दूर करने के लिए एकजुट होकर इसे निर्मल बनाये रखने का प्रयास करें।
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने गंगा की मुंडमाल परिक्रमा के लिए सेना के पूर्व अधिकारियों, संरक्षक मण्डल के सभी सम्मानित सदस्यों एवं सहयोगी संगठनों के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर पर कर्नल मनोज केश्वर, लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहुमी, सैन्य अभियन्ता श्री गोपाल शर्मा, श्री हीरेन भाई एवं श्री योगेश शुक्ला आनलाइन जुड़े हुए थे।