अदालत की टिप्पणी से सरकार को शर्मिंदा होना चाहिए- शाहनवाज आलम
मऊ के तत्कालीन एसएसपी और सीओ हों निलंबित-शाहनवाज आलम ऽ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तबलीग जमात में शामिल होने वाले मऊ के नाबालिग पर हत्या का प्रयास के तहत मुकदमा दर्ज करने को शक्ति का दुरुपयोग बताया लखनऊ, 9 दिसम्बर 2020। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने इलाहाबाद हाइकोर्ट द्वारा मऊ के 15 साल के नाबालिग बच्चे पर तबलीग जमात में शामिल होने के कारण हत्या का प्रयास के तहत मुकदमा दर्ज करने पर इसे पुलिस द्वारा शक्ति का दुरुपयोग बताने पर इसे योगी सरकार के मुंह पर तमाचा बताया है। शाहनवाज आलम ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस अजय भनोट ने मऊ के एसएसपी और सीओ द्वारा एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़के पर दिल्ली में तबलीग जमात के कार्यक्रम में शामिल होने पर भारतीय दंड विधान की धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज करने पर इसे प्रथम दृष्टया शक्ति का दुरुपयोग बताते हुए 10 दिन में एसएसपी और सीओ से जवाब मांगा है।ओरिजनल चार्जशीट में अभियुक्त के खिलाफ पहले 269 (लापरवाही से किसी भी जीवन के लिए खतरनाक किसी भी बीमारी के आक्रमण फैलाने की सम्भावना होना) और 270 (प्राणघातक कृत्य जिससे जीवन को खतरे में डालने वाली बीमारी का प्रसार हो) के तहत मुकदमे दर्ज थे, लेकिन बाद में सीओ के आदेश पर इसमें हत्या का प्रयास के तहत भी मुकदमा दर्ज कर दिया गया। शाहनवाज आलम ने कहा कि योगी सरकार ने पुलिस पर अनैतिक दबाव डाल कर मुसलमानों के खिलाफ गैर कानूनी मापदंडों पर मुकदमे दर्ज करने का निर्देश दिया है। पुलिस ऐसा करके अदालत से डांट सुन रही है जो किसी भी सरकार के लिए शर्मिंदगी का कारण होना चाहिए। उन्होंने मऊ के तत्कालीन एसएसपी और सीओ को तत्काल निलंबित करने की मांग की है।