देश प्रेमी पथिक
प्रेम पथिक हूं अच्छे दिल का, प्रेम राह पर चलता हूं। कांटो की परवाह नहीं है, नहीं किसी से डरता हूं। तेरा सच्चा प्रेमी हूं मैं, तुम पर मैं तो मरता हूं । सारी दुनिया से लड़ने की, हिम्मत मैं तो रखता हूं। प्रेम पथिक हूं देश प्रेम का, प्रेम देश से करता हूं। मातृभूमि भारत का अपने, हर पल सेवा करता हूं। मानवता का पाठ पढ़ाता, गीत देश का गाता हूं। प्रेम कहानी मैं भारत का, सबको खूब सुनाता हूं। - बुद्धि सागर गौतम