एनजीओ पंजीयन शुल्क में वृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया
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भोपाल,
मप्र में जमीनी स्तर पर समुदाय के हित में काम करने वाली स्वयं सेवी संस्थाओं के नेटवर्क- एनजीओ पाठशाला, स्वयं सेवी संस़्थायें महासंघ एवं यू़.एन.जी.ओ. ग्रुप मप्र के से जुडी 800 से अधिक संस्थाओं के माध्यम से पंजीयन शुल्क में की गयी वृद्धि के खिलाफ स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा मुख्यमंत्री के नाम प्रदेशव्यापी ज्ञापन अभियान चलाया जा रहा है.
ज्ञापन अभियान दल की ओर से एनजीओ पाठशाल के डॉ. परशुराम तिवारी एवं यू़.एन.जी.ओ.ग्रुप के प्रमुख श्री सतीश पुरोहित ने बताया है कि ज्ञापन अभियान के प्रदेशव्यापी क्रम में आज भोपाल में श्री संजय कुमार शुक्ल, प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग, म.प्र. शासन को बल्लभ भवन में एवं श्री आलोक नागर, पंजीयक, फर्म्स एवं सोसायटी, भोपाल को उनके कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन में मांग की गयी है कि हाल ही में मप्र शासन द्वारा पंजीयन शुल्क 3000 से बढ़ाकर 5000 करने सम्बन्धी 3 ओक्टुबर अक्टोबर की अधिसूचना को वापस लिया जाए.
ज्ञापन में यह भी मांग की गयी है कि वर्ष 2015 में शासन द्वारा धारा-27 व धारा-28 की जानकारी समय पर जमा न करने पर दोगुना किये गए विलम्ब शुल्क सम्बन्धी आदेश को भी स्थगित किया जाए ताकि कमजोर स्वयं सेवी संस्थाएं बड़े हुए शुल्क के बोझ से राहत पा सकें । ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मंडल में अनेक स्वयं सेवी संस्थाओं/ नेटवर्क के प्रतिनिधि जिनमें डॉ. खुशराज धोटे, सुश्री तृप्ति सिंह, सुश्री कल्पना शर्मा, सुश्री प्रभा गौर, श्री अनिल शर्मा, डॉ. राजीव जैन, सुश्री स्मृति शुक्ला, श्री अनिमेष श्रीवास्तव एवं राहुल वर्मा शामिल थे.
ज्ञापन में मुख्य मंत्री से को स्मरण दिलायाया गया है कि पूर्व में सरकार द्वारा जन-अभियान परिषद् के माध्यम से नवांकुर जैसी योजना चलाल्यी गयी थी जिसमें सामाजिक संस्थाओं को प्रोत्साहित करने की अभिनव पहल की गयी थी। इससे हजारों संस्थाओं को पल्लवित होने का अवसर मिला था. हाल ही में कोरोना महामारी के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर स्वयंसेवी संगठनों के सामाजिक दायित्व निर्वहन, निष्ठा व योगदान को रेखांकित करते हुए माननीय प्रधानमंत्री जी व मप्र के मुख्यमंत्री के रूप में आपने स्वयं सेवी संस्थाओं के उल्लेखनीय कारियों की सराहना की थी.
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है इस समय जबकि स्वयं सेवी संस्थाएं समुदाय के साथ खड़ी रहकर राज्य एवं केंद्र सरकार के साथ कन्धा से कन्धा मिलाकर काम कर रहीं हैं, एसे में शुल्क वृद्धि सम्बन्धी उक्त अधिसूचना अत्यंत विरोधाभासी एवं दुर्भाग्यपूर्ण प्रतीत होती है।
यदि सरकार द्वारा उक्त अधिसूचना को शीघ्र ही निरस्त नहीं किया गया तो निकट समय में हम प्रदेश की अन्य स्वयं सेवी संस्थाओं को लामबंद कर उपरोक्त दोनों प्रकार की शुल्क वृद्धि के खिलाफ जिला एवं प्रदेश स्तर पर पुरजोर विरोध करने को बाध्य होंगे।