साहित्य आजतक 2019: क्या इम्तियाज अली को देश में खतरा महसूस होता है?




इम्तियाज अली से साहित्य आजतक 2019 के मंच पर पॉलिटिक्स और फिल्मों को लेकर बातचीत की गईडायरेक्टर से पूछा गया कि क्या उन्हें देश में खतरा महसूस होता है?


रोमांटिक फिल्मों के रॉकस्टार इम्तियाज अली से साहित्य आजतक 2019 के मंच पर पॉलिटिक्स और फिल्मों को लेकर बातचीत की गईइम्तियाज के सेशन को अंजना ओम कश्यप ने मॉडरेट कियाडायरेक्टर से पूछा गया कि क्या इम्तियाज अली या खान होना मुश्किल हैक्या उन्हें भी दूसरे एक्टर्स की तरह देश में खतरा महसूस होता है?

जवाब में इम्तियाज ने कहा- ''शाहरुख खान की मूवी माई नेम इज खान दुनिया के लिए थीकिसी भी संप्रदाय में कुछ अच्छे लोग भी होते हैंकुछ मेरी तरह भीमुझे नहीं लगता कि कोई इतना बेवकूफ बोता है कि उस कम्यूनिटी के सभी लोगों को गलत या बुरा समझेमुझे इस देश या शहर में कभी गलत महसूस नहीं हुआ. ''


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इम्तियाज ने कहा- ''मैं ये सब नहीं देखना चाहताबहुत से दूसरे काम हैं देखने और सोचने के लिएमुझे अभी तक ऐसा फील नहीं हुआ हैराष्ट्रवाद को लेकर कोई विवाद नहीं हो सकतापार्टियों को लेकर विवाद हो सकते हैंमुझे देश में खतरा महसूस नहीं होतादेश में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो हमेशा सरकार के खिलाफ या साथ रहते हैंकुछ ऐसे लोग इंडस्ट्री के अंदर भी हैं.''

क्या फिल्म इंडस्ट्री या देश में तनाव पैदा किया गया है?
इस सवाल के जवाब में इम्तियाज अली ने कहामैं ऐसा नहीं मानतामैं इंडस्ट्री का प्रतिनिधि नहीं हूंये मेरा विचार नहीं हैमेरी जिंदगी राजनीति में नहीं है तो क्यों कमेंट करूंमैं फिल्में बनाना पसंद करता हूंमुझे जिसकी कम जानकारी होती है मैं वहां ज्यादा नहीं बोलता हूं.