लखनऊ: 06 नवम्बर, 2019
किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दंत संकाय विभाग की इम्प्लांटयूनिट, ओरल एवं मैक्सिलो फेशियल सर्जरी विभाग, प्रोस्थोडोंटिक्स विभाग तथा पेरियोडोंटोलाॅजी विभाग द्वारा संयुक्त तत्वावधान में आज दिनांक 06 नवंबर 2019 को श्ॅवनदकदृभ्मंसपदहएच्मतपपउचसंदजपजपे - पउचसंदज चतवेजीमेपेश् विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चिकित्सा संस्थान के मा0 कुलपति प्रो0 एम0एल0बी0 भटट् तथा अधिष्ठाता, दंतसंकाय विभाग डाॅ0 शादाब मोहम्मद ने दंतसंकाय विभाग को इम्प्लांटोलाॅजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यकिए जाने पर बधाई देते हुए कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से इम्प्लांटमेनटेनेंस, पेरीइंप्लाटिस, डेंटिनल बोन ग्राफ्ट जैसी विभिन्न सर्जरी के बारे में जानकारी का अदान-प्रदान होगा जो कि इम्प्लांट के स्थायित्व को बढ़ाने के साथ ही इसमें होने वाले लागत को भी कम करेगा।
उक्त कार्यशाला के अतिथि वक्ता डाॅ0 लंकामहेश ने श्बोनग्राफ्टरश् के बारे में जानकारी देते समझाया कि किस प्रकार से इम्प्लांट और प्राकृतिक दांत के आसपास कौन से बोनग्राफ्ट का प्रयोग किया जाए। इस अवसरपर डाॅ0 संदीप सिंह ने (पी0आर0एफ0) प्लेटलेट रिचफाइब्रीन तथा डेंटिनलग्राफ्ट के उपयोग की विधि के बारे में जानकारी दी। इसके साथही के0जी0एम0यू0 दंतसंकाय विभाग के डाॅ0 अंजनी कुमार पाठक ने च्मतपपउचसंदजपजपे के बारे में और उससे कैसे बचा जा सकता है, इसके बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर के0जी0एम0यू0 दंतसंकाय विभाग के डाॅ0 लक्ष्य कुमार ने इम्प्रेशन तकनीकि तथा किस प्रकार से इम्प्लांट के ऊपर दांत लगाएं जाएं इसके बारे में कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले दंत चिकित्सकों को समझाया। इसके साथ हीनीदर लैण्ड से आए अतिथिवक्ता डाॅ0 इरफान अब्बास ने इम्प्लांट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। के0जी0एम0यू0 सर्जरी विभाग के डाॅ0 अरूणेश कुमार तिवारी ने एनेस्थीसिया और सर्जिकल तकनीकि के साथ ही डेंट लइमरजेंसी के बारे में उक्त कार्यशाला में जानकारी दी।