कहानी और जिंदगी बढ़ती रही

हवा और खुशबू का काम गुजर जाना है जिंदगी को इसलिए हवा और खुशबू का झोंका कहा जाता है पालम होम इन 2 घंटों में कब बदल जाते हैं पता ही नहीं चलता और यही पल फिर कहीं सदियों हो जाते हैं मगर खोकर भी इतनी खुशबू माझी और इतिहास बनकर कहीं ना कहीं अपने होने का एहसास कराती है माहौल में यादों और खुशबू का अहसास का एहसास वक्त की गिरफ्त से निकलकर कितना आगे बढ़ जाता है कड़ी दर कड़ी जैसे ही छुट्टियों में मनाने हिल स्टेशन का प्रोग्राम बनाया बच्चों के चेहरे खिल गए जल्दी-जल्दी तैयारी की छुट्टियों का पूरा मजा उठाने के लिए सब फैमिली मेंबर पिकनिक के मूड में आ गए बादलों का सूरत में बदलना खूबसूरत पहाड़ वादियां गाते हुए झरने बहती हुई नदी आज चेक से पंछी ठंडी हवाओं के नशीले झोंके यही सब चीजें कुदरत के होने का एहसास कराती है मानव अंदर की कोई भी खुशियां जाग जाएं गमों का एहसास मुस्कुराता हूं मैं बदल जाए जैसे ही अदा ने होटल का दरवाजा खुला बेटा सामने चाय की ट्रे लिए खड़ा था मगर आना की हैरत की ध्यान आ रही जब उसने लंबी में टहलते हुए एक बचाना हुआ चेहरा दिखा ये चेहरा तो उसका दोस्त दोस्त सीमा का बेटा मारिया था का था अना ने अपनी बेटी साहिबा से कहा मिलो बेटा है मारिया है आंटी गुड मॉर्निंग कैसी हैं मैं पहचान गई आपको हरियाणा आंटी कब आएगी अभी रात में ही पहुंचे मैं आपके अंकल जाजिम साहिबा और उसका भाई यानी मेरा बेटा निशान आप किसके साथ हो आंटी में मम्मी डैड और छोटी बहन फारिया के साथ पन्ना और साहिबा ने माल्या को चाहा पर की मां को बुलाने के लिए बोला उप कितना खुश कुल इस्पात है जब आप और हम इस तरह आमने-सामने हैं मारिया मुस्कुराते हुए आना आंटी से लिपट गई सामने सीमा खड़ी थी माल्या की मदर उन दोनों की आंखों आंखें खुशी और गम के आंसुओं से भर आई मुद्दत बाद मिलने की खुशी सीमा की मम्मी शौकत आंटी जोआना की मम्मी की खास दोस्तों में से एक थी उनके ना रहने का गम सीमा शौकत आंटी का हाल मैं सुना था बड़ा गम हुआ 9 सीमा से अपने गम का इजहार किया क्यों मार लिया आप तो बचपन से नानी साथ रहे हो जी आंटी मरियाने साथ साथ जिंदगी साथ साथ संजीदगी से जवाब दिया बाबा तो हमेशा ही बाहर रहे हैं मारिया आपकी जी आंटी मगर हम ट्रांसफर करा लिया साथ ही में रहते हैं अनार रानी बिना रुके ढेरों सवाल कर डाले बनाने मालिया और बेटी से बात को बताया कि किस तरह अनावर सीमा की हमें एक अच्छी दोस्ती मानव सहारा माझी अना की आंखों और जेहन में फैल गया उसे बचपन का वह दौर बहुत शिद्दत से याद आया जब वह अपनी मम्मी सलमा की उंगली पकड़ अपनी बड़ी बहन विवाह के साथ शौकत शौकत आंटी के घर जाया उसे शौकत आंटी की मौत का बहुत जच का भी लगने लगा कुछ भी महसूस किया कि मां की उम्र के सब लोग एक-एक करके चले जा रहे हैं उसकी आंखों में आंसू भर आए काश कोई ऐसा हो जिसे वह मां के दायरे में रख सके आखिरी बार आना ने शौकत आंटी की किसी फंक्शन में देखा था शौकत आंटी अम्मी की खास दोस्त और हम सायों पड़ोसी मैं हुआ करती थी बनाने ढेरों बातें की थी शौकत आंटी से मिलने के बाद शायद उसके जेहन में आर्मी की बताई भी बातें घर कर गई अग्रवाल दिन यानी मां बाप ना रहे तो अल्लाह का फरमान है क्योंकि रिश्तेदारों और खासतौर से दोस्तों के नाम काम में कोई कमी ना करवाना ने कई बार शौकत आंटी को अकेली में भरा और खुदा हाफिज कहकर महफिल में आ गई शिव आपकी दोनों बहने अमरीन और शायरी इन कैसी है ख्यालात का सिलसिला तोर दीवाना ने पूछा दोनों अच्छी है एक तो बाहर शिफ्ट हो गई है दूसरी मुंबई में है अमरीन और शायरी निभाओ राना की अच्छी दोस्त बन चुकी थी गोया एक जनरेशन की दोस्ती दूसरी जनरेशन तक पहुंच चुकी थी आना और विवाह शादी ऊपर भले ही विदेश चली गई थी अगर दोस्ती का एहसास आज भी दिल के किसी कोने में महसूस था अन्ना को यह सब हैरान कर देने वाली बात लगती थी जब शौकत आंटी की बूढ़ी नानी को एक बार उनके घर देखा था बूढ़ी नानी दीवार की तरह मैं कर गुलामी में मसरूफ व्यस्त थी शौकत आंटी ने अन्ना की मम्मी को बताया कि किसी चेकअप सिलसिले में नानी को लखनऊ से दिल्ली लाया गया है नानी तो बस नाम ही थी बच्चों के लिए एक ग्रेट ग्रांड मदार का रोल रोल मॉडल नजर आती थी उनका निवास देख कर आना और युवा को कजरी हैरत हुई बालों में चांदी के तार फ्री हुए थे आंखों पर मोटी काली ऐनक सफेद लिबास में जंपर बोल अड्डे का भारी-भरकम गरारा नानी क्या यह निवासी पहनती हैं दीवाने शरारत से पूछा हां बेटा शौकत आंटी नमस्कार का जवाब दिया मगर एलिवास नवाबों की जवानी का माना जाता है हां बेटा नानी नवाबों की जमाने की है 90 क्लास कर गई है नानी को ना जाने क्या समझ आया कि वह सिलवटें भरे चेहरे मैं मुस्कुरा दी शौकत आंटी ने मरीज को बताया कि नवाब सेनानी का गहरा रिश्ता अन्ना की मम्मी ने मुस्कुराते हुए बोला अरे रहने दो आप आ नवाबों की नगरों में रहने वाले शब्द ही नवाब होते हैं दुर्गमता से स्वागत का असर है इस जवाब पर शौकत आंटी मुस्कुराए बिना ना रही शौकत आंटी के सोहर गुजर चुके थे उनकी तीन बेटियां और एक बेटा था वह जड़ी बूटी के कार्ड चौक वह जरी दब के से कार चौक कपड़ों पर सुंदर काम बनाती अपने कला ईट को देहाती किसी तरह गुजर बसर चलता रहा बच्चे स्कूल जाते इतने शुगर बच्चे शायरी की देखने को मिले तहजीब में ले हुए बच्चे से आज के दौर में तो ऐसे बच्चों को हम एलियन ही कहेंगे स्कूल से वापस आकर बच्चे आराम करते काम निपटा थे फिर मां की घरेलू कामों में मदद करते आंटी ज्यादा पढ़ी-लिखी तो नहीं थी मगर तहजीब का पेपर जवान की मिठास रहन-सहन खातिरदारी का ढंग ऐसा लगता था मानो पूरी तरह जी उनके सीने में दफन है शौकत आंटी काफी पहले कहीं दूर से हो गई थी मगर रिश्तो की चासनी बरकरार रही शायद इसीलिए से पिछली सदी की बात कहां जाएगा मैंने पहल पहल वहीं से देखा कि पान की गिलोरी या और गुलगुले क्या होते हैं मेरी मां तो आटे की पूड़ी बनाती थी कभी-कभी हालांकि दिल्ली की तहजीब में वह भी मास्टर थी मुगलई 8 से लेकर देसी खानों का कल्चर रहन-सहन माहौल उसकी रोही में बसा था मगर शौकत आंटी की रनिया गिरावट और बड़की पराठे अपनी मिसाल आपसे वह सादा सी साड़ी में लिपटी मुस्कुराहट और जवान की चासनी में लबरेज बहादुरी की मिसाल आप ही अपने सहारे ही बच्चों को पालना बड़ा टास्क होता है शौकत आंटी की मां भी अक्सर उनसे मिलने आती है अपनों की खैर को आई करके जाती उनके लिए लखनवी कढ़ाई के बने हुए सूट कुर्ते लाती बच्चे बहुत खुश होते शुबरा नानी सेलेवास उनका भी करार आया सारी होता सीमा की शादी के मौके पर शौकत आंटी बहुत खुश थी खुशी की एक बजा है एबीपी की एबीसी को शादी की एक पार्टी में आई हुई एक फैमिली ने अपने बेटे के लिए प्रपोज कर लिया था फैमिली अच्छी थी जिसका भी मुनासिब बैठे-बिठाए ऊपर वाले ने बच्ची के लिए एक अच्छा पैगाम रिश्ता भेज दिया था उस दिन सीमा का निवास बहुत सुंदर था जो से सदा सदा ही खूबसूरती में चार चांद लगा रहा था उस दिन के लिए उसकी मम्मी ने एक फोजी रंग का एक कोई जी का शरारा बनाया था उस दिन वह वाकई परी कथा की कथा का कोई किरदार मालूम हो रही थी वह सीमा के कॉलेज का फाइनल साल का स्वागत आंटी चाहती थी कि सिवा कोई ट्रेनिंग करें जाप करें पर उनकी ख्वाहिश को पर लग गए जब उनके होने वाले जवान जी ने आगे बढ़कर कहा कि आंटी में आगे पढ़ाई या करने की जिम्मेदारी लेता हूं आगे जो भी करेगी हम उससे उनकी पूरी मदद करेंगे सोहेल के जुमले पर आंटी की आंखों में खुशी के आंसू झलक आए उन्हें लगा उनकी बेटी को एक बेहतर जिंदगी की जमानत मिल गई है स्वागत आंटी को अपने कम तालीम याफ्ता होने पर जिंदगी भर अफसोस रात का समय भी अगर ज्यादा पढ़ी लिखी होती तो जिंदगी में ज्यादा सहूलियत होती सीमा की रुखसती के बाद आंटी की दोनों बेटियों ने आंटी को सीमा की कमी का एहसास तक ना होने दिया अपनी अम्मी की फरमा बरदारी दोनों के लिए एक अहम खिरजा बन गई हालांकि शौकत आंटी की दूसरी बेटी अमरीन काफी शो रॉक मिजाज और शरारती सी साथ ही फैशनेबल भी उसकी छोटी बहन शायरी सीरियस मिजाज बलाती हमेशा ही स्कूल से वजीफा पाती मगर उनका भाई राहिल पढ़ाई में सुसु था इकलौता और सबसे छोटा होने की वजह से वक्त आंटी उस पर काफी तक जो जाती थी उसको क्रश बेटिंग में अच्छे नंबर लाने को कहा जाता शौकत आंटी सलमान की और उनकी एक और दोस्त दोनों आंटी ना सिर्फ अच्छे दोस्त से और अच्छे पड़ोसी देश बल्कि एक दूसरे के गम ग्वार गम और खुशी केसरी के सफर तीनों पड़ोस में एक्स एक्स एक्स के नाम से जाने जाते थे एक मिसाल है सच्चा दोस्त वही होता है जो जरूरत पर काम आए सुमन आंटी की बेटी नव्या और अमरीन दोनों ना सिर्फ क्लासमेट मेथी अच्छी दोस्त भी स्कूल साथ जाती साथ आती है एग्जाम की तैयारी 77 करती थी कभी शौकत आंटी कभी सुमन आंटी दोनों की देखभाल करती सुमन आंटी शौकत आंटी के घर के हालात से अच्छी तरह वाकिफ सीन एक अच्छी मेकअप आर्टिस्ट थी उन्होंने अपनी बेटी नव्या के बारे में यही कैरियर सोच रखा था इसी बीच उन्होंने शौकत आंटी के माली हालात को देखते हुए अंबर को भी एक मेकअप आर्टिस्ट बनने के लिए मशवरा दिया शौकत आंटी ने अमर को सुमन आंटी की देखरेख में ही सब कुछ सीखने का मन बना लिया आज अंबरनाथ में बच्चा कम आ रही थी बल्कि फैमिली के हालात भी बदलने लगे थे शौकत आंटी ने पक्का मन बना लिया कि वह लाइव को किसी अच्छे प्रोफेशनल कोर्स में डालेगी शौकत आंटी को कभी भी खानदानी जा जा से कुछ लेने का कोई नहीं था भला उनके जेष्ठ जेष्ठ ही भाई का भाई व बच्चों की जरूरतों के मुद्दे पर मोदी नजर उन्होंने स्वागत आंटी को उनके स्वाद नसीब साहब का बिरसा चौक रांची तक पहुंचा दिया अभी भाई क्या यह रखरखाव देखकर शौकत आंटी की आंखों में आंसू फूट पड़े राजसमंद उन्होंने अभी भाई से कहा भाई मैं तो माशाल्लाह बच्चे पाल ही रही हूं आप अपनी सहूलियत देख आपके तो माशाल्लाह बेटियां ही बेटियां हैं अल्लाह ने मुझे को बेटे से नवाजा है आप अपने उम्र दराज होने पर भाभी राफिया कुछ बीमार रहने लगी है उनका ख्याल कीजिए भाई कानों पर हाथ लगाकर तौबा करने लगे मेरी बहन शौकत ऐसा ना बोल खुदा को भी दिखाना है तो मेरी छोटी बहन हो सब कुछ यहीं रह जाएगा तुम्हारा विरसा तुम्हारी तरक्की में काम आएगा एवी मेरे बच्चे हैं मैं साथ थोड़ी ना ले जाऊंगा यह उमेश आप के दिन खुदा के सामने क्या हिसाब दूंगा 70 गुना ज्यादा चुकाना पड़ेंगे अगर दुनिया में किसी का माल दबाया शौकत आंटी ने पान की गिलोरी आगे बढ़े बढ़ाते हुए कहा बस भाई आपकी मेहरबानी है पैसे में आपके बच्चे साहिब के अकाउंट में डलवा दूंगी उसको आगे पढ़ाई के लिए भेजना है आजकल फीस से बहुत हैं पड़ जाएगा आपकी दुआओं में याद रखेगा वक्त फिर आगे बढ़ने लगा आखिर वह दिन भी आया जब राहे को बड़े कोर्स में एडमिशन के लिए बाहर जाना पड़ा उसको केमिकल इंजीनियरिंग के लिए दूसरे शहर भेजा गया 1 साल तक उसकी अच्छी पढ़ाई चलती रही एवरेज प्रूफ फेंस रही आंटी भक्तन भक्तन उससे मिलने जाया करती थी उसे हॉस्पिटल भी मिल गया मगर रहे कुछ बुझा बुझा सा रहने लगा चौकत आंटी को भी लगा शायद घर से दूरी की बजाय या पढ़ाई में मन ना लगना वजह हो सकती है इसी बीच लाइव की इंजीनियरिंग दूसरे साल में दाखिल हो चुकी थी मगर एक दिन लाइव के दोस्त मंथन का फोन आया है आंटी आप फौरन साहब से मिलने आए राय से मिलने के लिए आंटी सुमन सुमन आंटी को लेकर सीधे उसके आज तक पहुंच गए हैं यारों बच्चियों की जिम्मेदारी सलमान थी पर छोड़ दें मगर उनको पता चला कि रायपुर साल में है अस्पताल का पता लेने की जरूरत नहीं थी मंथन उनके साथ था बंधन आंटी को टेंशन देखकर कुछ बोल नहीं रहा था पोशीदा उनको लेकर हड़ताल पहुंचा मुंगरा लाल के शूटिंग में मंथन सुमन और शौकत आंटी को ले जाओ उसके बाहर लैविटेशन सेंटर लिखा था आंटी ने कैसे ना कैसे शौकत आंटी को संभाला मंथन ने बताया आज की हैट्रिक लेने लगा आपको बताना नहीं चाहता था हम स्कूल चीज से निकालने की कोशिश कर रहे थे मगर कल उसने ओवरडोज ले ली जिसके कारण से भर्ती करना पड़ा स्वागत आंटी तो सर्व सदमे में डूब गई किसी तरह उसे उस सेंट्रल को कुछ वक्त के लिए रखवाया मगर वक्त रहते राहिल संभल गया बाद में आंटी बुरी तरह टूट चुकी थी उनका बेटा ज्यादा चालाक तो था नहीं मां बहनों के बीच वाला बड़ा था मगर जब घर से दूर गया तो ना जाने किस तरह इस जगत में आ गया वैसे भी घर के सबसे छोटे बच्चे को हूं इतना प्रेम पर कर दे जैसे कि उसकी आदतों का एक हिस्सा कभी यह भी होता है कि वह निर्भर होने का भी होने लगता है आई है या यूं कहे जहां उसे थोड़ा प्यार नजर आता है वह जल्दी होना अजनबी लोगों का अपना मान लेता है जय हमारी प्रवेश का एक ऐसा तरीका है जो कई बार बच्चों को परेशानी में डाल देता है इसके लिए शायद कहीं अपना अंदाज बदलने के बारे में सोचना होगा कभी कभी जिंदगी की सच्चाई बहुत कड़वी होती है हर कदम पर देख लोग मिले जरूरी नहीं मगर इस मामले में लाइन खुशकिस्मत था कि कि उसके काश मंथन जसाई वफादार दोस्त शौकत आंटी के ख्वाब चकनाचूर हो गए थे मगर आंटी ने मन बना लिया क्यों है उसे घर वापस ले आई केयर की इलाज कराया उसको फैशन टेक्नोलॉजी में बीएससी में अपने ही शहर में दाखिला जिला दिया जाहिद ने स्कूल हुबली मन किया हिल ने इस कोर्स को बड़े ही मन से किया शायद इसकी एक अहम बजाए सनम रही थी जो उसकी क्लासमेट थी साहेब की उसकी अच्छी अंडरस्टैंडिंग हो गई थी सनम का ताल्लुक राजस्थान जयपुर से 400 क्रांति में शर्म की मां से हमेशा के बाद से राहत के लिए शर्म को मांग लिया शायद में सुस्ती हुए की संबंध से बेहतर राय को शायद कोई और समझे और स्कूल की समझदारी भी थी स्वागत आंटी और बच्चों की कोशिश न लगने लगी जरा अमरीन का काम परवरिश करने लगा था टीवी से लेकर इवेंट तक उसकी मौत हो चुकी थी नव्या के साथ उसकी काम में साझेदारी एक मिसाल नजर आती थी अकमल भी एक अच्छा सिस्टम है मिनिमम वर्क को पसंद करने लगा था मगर उससे आसमान से बनते हैं शायद वह दोनों भी एक दूसरे के लिए बने दिया कमाल ने जब शकत आंटी से अंबर के रिश्ते के लिए बहुत खुश हुई गोकाक आंटी अपने आप को ढककर पर्दे में रखा करती हिजाब पहनती काम के वक्त घर ही रहती बच मगर बच्चों की कैरियर को लेकर की सोच बड़ी जा कहीं ज्यादा थी डर शायरी इन का मेडिकल पूरा होने जा रहा था उसके बचपन के दोस्त और कजन जो अक्सर मुंबई में उनके यहां आया था हमेशा के लिए शायरी के ख्वाबों की नगरी का शहर बना दिया ओ सनम खेसारी के फिल्म में एक दूसरे के मेंबर बन गए हड्डी का छोटा सा घर एक बड़ा घर बन गया जब आंटी काबर की पराठा और सनम की खेत मे एक ही टेबल पर सर्व होते तो आंटी की खुशी किसी ने ना देखी उसका घर पर मिनी इंडिया ही लगता चना और सीमा ने होटल की लाली है प्यार से एक दूसरे को हाथ थामे रखा मारिया क्या कर रही है अन्ना के सवाल पर सीमा ने बताया कि नेट क्लियर कर लिया है हम लोगों के यहां माया के इंटरव्यू के सिलसिले में आए हैं एक माह बाद मारिया की शादी है आना को कारण देते हुए सीमा ने बताया कि मारिया का क्लासमेट अहमद के साथ बहुत-बहुत मुबारक हो आना न खुशी से कहा छोटी बेटी भी चेक करें और तुम्हारे बच्चे आना बेटी का एमएससी फाइनल है बेटा या बी टेक कर रहा है पारिया और विशाल मारिया ओ साहिबा की खेता लोक साहित्य में संस्था शिवाजी जिनके ख्वाब जिनके ख्वाबों को पूरा करने के लिए अपने आप को कुआं और खाई कि मैं कि करीब रखने वालों की एग्जामिनेशन है जिसे हम सेंड विद नेशन भी कहते हैं वही जनरेशन के बीच में आई थी नीमराना बुक कन्वे जहां वह अपने मां बाप के सामने नारायण नहीं कर पाए किसी जीत की वजह भी नहीं दे पाए हां कहने दे के सिवा कोई रास्ता नहीं था वही कहानी फिर से दोहराई गई बस किरदार वही था मगर जगह बदल गया आज बच्चों को कि किसी में ख्वाहिश बनना कहने का हौसला नहीं था पारी और इंसान एक दूसरे को देखते हुए मानो किसी अनजान बंधन में बंध गए दोनों दोनों एक दूसरे के हाथों में हाथ लेकर घंटों कॉम 3GB वादियों की अंबर सली युवा और अना ने अपनी मांगों की नस्लों को परवान चढ़ते जी का मानव सलमान की और संकट आंटी की पुरानी दोस्त जिंदा होकर रिश्तो में बदल चुकी थी तू गुजरे पलों का वैष्णव याद आया जब उसने बचपन में सक्रांति किया ग्रेट ग्रांड मदर हमीद अंजानी को सर पर चुन्नी गरारे में देखा था कि छोटी नानी शराबी और सक्रांति को हिजाब गरारा शरारा शरारा और साड़ी में लिपटे हुए स्त्री से गुफ्तगू बातचीत करते देखा था देखा तू कितनी को सादा दिल जालिम नजर हो भाभी 2 साल की उम्र के बाद सीमा एक ऐसी लेडी जो बच्चों नौकरी और गद्दारी में ही अपनी निशा जी उसके बाद उनकी बेटियां मालिया फारिया वैष्णव कच्ची उम्र में विवाह वेस्टर्न तालीम के साथ चलाते हुए देखा सब कुछ वही था मगर ना हुआ है अब परियों के दौर थे ना गिरावट के चर्चे ना ही विरोधियों की दास्तान है आराम से जा पास्ता मंगाया चॉकलेट केक और साहब सिंह के साथ इंसान में अपने बर्थडे केक सबसे पहले फारिया को पेश किया 9 सीमा के कान में खरगोश ने मुस्कुराते हुए कहा क्या यही है सक्रांति की पिछली दो और तीन देशों की दास्तान जिंदगी