वक्त बे-वक्त ना आजमाया करो।
हर घड़ी युँ न हमको सताया करो।1
दूर रहना नहीं है....... गवारा हमें,
छोड़ तन्हा न तुम दूर जाया करो। 2
बात ही बात में रुठ जाते हो तुम,
हो वफ़ा प्यार तो तुम जताया करो।3
आग दिल में लगी है बड़ी जोर की,
अब न तूफ़ान दिल का दबाया करो।4
दिल जिगर जान तेरी सदा ही रही,
मोड़ कर मुँह न हमको जलाका करो। 5
ग़ज़ल
सी लिये होंठ कुछ कहाँ ही नही।
भूल जाता मगर...भुला ही नही।1
प्यार-नफरत बहुत.. किये हमने,
पर अलग राह तो किया ही नही।2
इश्क़ में दिल दुःखा गया था पर ,
साथ अपने कभी छला ही नही। 3
आज फिर राह में मिले हम-तुम,
हादसा इश्क़ सा हुआ ही नही ।4
धड़कने तेज हो...चली थी मगर,
पर दरीचा नयन खुला ही नही। 5
ग़ज़ल
लहर की अब यहाँ औकात क्या है ।
मिला भी इश्क़ तो वह...बे-वफा़ है ।1
मुकद्दर को बता....किसका पता दूँ ,
खुशी गम जिंदगी..की फलसफा है। 2
लिखे क्या अब... सफ़ीना मे बताओं
हुआ हासिल....नफा-ना-फायदा है। 3
अकेला ही चला था......मैं सफ़र पे,
मिला तो कारवां.....बन सा गया है। 4
फ़क़त राहें उमर ही थक गयी अब,
मगर दिल में. ..मुहब्बत तो जवाँ है। 5