ग़ज़ल

वक्त बे-वक्त  ना  आजमाया करो।

हर घड़ी युँ न हमको सताया करो।1

 

दूर रहना नहीं है....... गवारा हमें,

छोड़ तन्हा न तुम दूर जाया करो। 2

 

बात ही बात में  रुठ जाते हो तुम, 

हो वफ़ा प्यार तो तुम जताया करो।3

 

आग दिल में लगी  है बड़ी जोर की, 

अब न तूफ़ान दिल का दबाया करो।4

 

दिल जिगर जान तेरी सदा ही रही,

मोड़ कर मुँह न हमको जलाका करो। 5

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 🍁🍁


🍁ग़ज़ल 🍁

 सी लिये होंठ कुछ कहाँ ही नही। 

भूल जाता मगर...भुला ही नही।1

 

प्यार-नफरत बहुत.. किये हमने, 

पर अलग राह तो किया ही नही।2

 

इश्क़ में दिल दुःखा गया था पर ,

साथ अपने कभी छला ही नही। 3

 

आज फिर राह में मिले हम-तुम,

हादसा इश्क़ सा  हुआ ही नही ।4

 

धड़कने तेज हो...चली थी मगर, 

पर दरीचा नयन  खुला ही नही। 5

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 🍁🍁


  🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 🍁🍁  

            🍁ग़ज़ल 🍁

लहर की अब यहाँ औकात क्या है ।

मिला भी इश्क़ तो वह...बे-वफा़ है ।1

 

मुकद्दर को बता....किसका पता दूँ , 

खुशी गम जिंदगी..की फलसफा है। 2

 

लिखे क्या अब... सफ़ीना मे बताओं

हुआ हासिल....नफा-ना-फायदा है। 3

 

अकेला ही चला था......मैं सफ़र पे,

मिला तो कारवां.....बन सा गया है। 4

 

फ़क़त राहें उमर  ही थक गयी अब, 

मगर दिल में. ..मुहब्बत तो जवाँ है। 5

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 🍁🍁