उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, अनुसूचित जाति के लोगों को रोजगार से जोड़ेगा- डा0 लालजी प्रसाद निर्मल

 



प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री ने अनुसूचित जाति के लोगों से रोजगार करने तथा रोजगार के क्षेत्र में आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि रोजगार को अपनाकर इस समाज के लोग भी आर्थिक विकास कर सकते हैं। अनुसूचित जाति के तमाम लोगों ने रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर समाज में अपना अहम योगदान दिया है। 
समाज कल्याण मंत्री, श्री शास्त्री आज यहां गोमती नगर स्थित बौद्ध इण्टर नेशनल शोध संस्थान में अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा अनुसूचित जातियों के लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए आयोजित जागरूकता शिविर में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता की धनराशि से गरीबी रेखा के नीचे निवास कर रहे अनुसूचित जाति के लोगों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास हेतु रोजगारपरक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही अनुसूचित जाति के जिन बी.पी.एल. परिवारों के पास खुद की जमीन है उन्हें दुकान बनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डा0 लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, अनुसूचित जाति के लोगों को रोजगार से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि रोजगार स्थापित करने के लिए 15 लाख रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार बनने के बाद दिसंबर 2013 से हाथ से मैला उठाने वाले व्यक्तियों का प्रतिषेध और उसका पुर्वासन अधिनियम 2013 लागू हो जाने के फलस्वरूप राज्य एवं भारत सरकार द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में 28764 मैनुअल स्कैवेजर चिन्हित किए गए। चिन्हित मैनुअल स्कैवेंजरों के पुनर्वासन हेतु केंद्रीय क्षेत्र की एसआरएमएस योजना लागू है। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा बैंक के सहयोग से अधिकतम 15 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। इसके अतिरिक्त 2 वर्ष का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। चिन्हित स्वच्छकारों के परिवार को 40 हजार रुपए की नकद सहायता राशि सीधे उनके खातों में उपलब्ध करवाई जाती है। अब तक 15174 व्यक्तियों को 60.70 करोड़ रुपए की धनराशि लोगों के खाते में भेजी जा चुकी है। 
डॉ. निर्मल ने ऋण लेकर रोजगार कर रहे लोगों से अपील की है कि वह ब्याज को लेकर परेशान न हों। अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम विभिन्न योजनाओं के तहत लिए गए ऋण के बकाएदारों के लिए एक मुश्त समाधान योजना लेकर आया है। इसके अंतर्गत ऋण लेने वाले को अवशेष मूलधन पर चुकता अवधि का साधारण ब्याज लेते हुए ऋण मुक्त किया जाता है। निगम अनुसूचित जाति के बीपीएल परिवारों को रोजगार से जोड़ने का हर संभव प्रयास कर रहा है।