समस्याओं से भागना किसी भी समस्या का हल नहीं है अपितु समस्या का समाधान कर उसे जीतना समाधान है। भारतीय संस्कृति जो गंगा जल की तरह पवित्र और निर्मल है वह बताती है कि किसी भी विषम से विषम परिस्थिति में बिना विचलित हुए उसका सामना करना उस पर विजय प्राप्त करना ही श्रेष्ठता है। श्रीरामचरित्रमानस के प्रख्यात वक्ता महान संत पूज्य मोरारी बापू भी अपने प्रचवनों में अकसर बताते हैं कि राम कथा में आना उसको सुनना व मानना आदि किसी गृहस्थ को सन्यासी बनाना बिल्कुल नहीं है। राम कथा कहती है जहां भी हो जिस स्थिति में हो बस जाग जाओं, होश पूर्वक अपना काम, दायित्व बखूबी निभाओं। स्वामी विवेकानंद जी को एक व्यक्ति मिला बोला स्वामी जी मैं सन्यासी बनना चाहता हूँ। स्वामी जी ने उससे घर परिवार के बारे में पूछा वह बोला शादी शूदा हूँू अब सन्यासी बनना चाहता हूॅ। स्वामी जी ने कहा क्या सन्यासी बनाना इतना सरल है कि जब चाहो सन्यासी बन जाओं। स्वामी विवेकानंद जी ने उससे कहा जो व्यक्ति अपना घर परिवार नहीं चला सकता वह ब्रहमाण्ड चलाने की बात सोचता है। घर पर नही रह सकता वन में क्या खाक रहेगा। उसने स्वामी जी से पूछा तब क्या करना उचित होगा। स्वामी जी ने कहा जहां हो बस जागो वहो से भागो नहीं। संसार में रहो परन्तु संसार तुममे न रहे यह ध्यान दो। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भी भारत राष्ट्र की इसी सर्वकल्याणमयी संस्कृति की ये बाते जगत को बता रहे है। समाधान भी समझा रहे है। आज पूरा विश्व आंतकवाद से पीड़ित है, प्राकृतिक आपदाये भी विकट समस्या है, स्वास्थ्य की देख देख रखना, जलवायु परिवर्तन से निपटना, बढता जल संकट, भय-भूख-भ्रष्टाचार से मुक्ति, शिक्षा-चिकित्सा-सुरक्षा पर विश्व मिलकर काम करे तब जगत का जगत में रहने वाले सभी जीवो का कल्याण होगा। भारत की राष्ट्र मंगल के साथ जगत मंगल करने की ''वसुधैव कुटुम्बकम् ═ सर्वे भवन्तु-सुखिना, सर्वसन्तु निरामयः्'' की भावना सही मायने में फलिभूत होगी। हमारे ऋषि मुनि युग दृष्टा थे। भारत को विश्व गुरू का स्थान प्राप्त था। सम्पूर्ण पृथ्वी पर ज्ञान, ध्यान, भग्ति की धाराएं बहती थी। सत्य, प्रेम व करूणा बीज मंत्र था। देश-काल-परिस्थिति के कारण भारत के राजा आपस में लड़ने झगडने लगे देश की अवनती हुई। आपस में वैर इतना बढा कि देश से बाहर के राजाओं की मदद लेने लगे। बाबर इसका एक उदाहरण है। वह क्रूर शासक यहां के राजाओं के आपसी विश्ववासघात का लाभ उठाकर यही जम गया। यहां के मंदिरों को नष्ट करने लगा। भय तथा प्रलोभन दिखाकर लोंगो का धर्म परिवर्तन कराने लगा मर्यादापुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बने परमात्मा के मंदिर तक को तोड़ डाला गया। आज तक हम अपने ऊपर हुए अन्याय के लिए लड़ रहे है। औरंगजेब के जुल्म भी सारी हदे पार गए थे। लाखों नहीं करोड़ों की संख्या में हिन्दुओं का मारा गया-लूटा गया उनको अमानवीय पीडायें दी गई। भारत के अंदर वो वो जुल्म हुए जिनका वर्णन करते हुए भी रूह कांप उठती है। गुरू गोबिन्द सिंह के पुत्रों को जिनकी आयु मात्र 9 व 5 वर्ष थी उनको इस्लाम धर्म स्वीकार न करने के कारण जिंदा दिवारों में चुनवा दिया गया। गुरू साहब के चार पुत्र थे फतेह सिंह, अजीत सिंह, जुझार सिंह, व जोरावर सिंह। चारों पुत्रों का बेहरमी से कत्ल किया गया। गुरू साहब की धर्मपत्नी साहेब कौर ने अपने पुत्रों के ऊपर हुए अमाननीय जुल्मों के बारे में पूछा तब गुरू साहब ने कहां कि तुम्हारे 4 पुत्रों के बलिदान के कारण आज भारत माता के लाखों पुत्र बचे है। अतः उनका बलिदान अवीस्मारणीय रहेगा। 26 दिसम्बर 1704 को जोरावर सिंह व फतेह सिंह को इस्लाम धर्म कबूल न करने पर जिंदा दीवार चुनवा दिया था। उनकी दादी गुजरी देवी को सरहिंद के किले के बुर्ज से गिराकर शहीद किया गया। महाराणा प्रताप ने परिवार सहित घास की रोटियंा खाई परन्तु अकबर की आधीनता स्वीकार नहीं की। वीर शिवाजी का मुंगलो से लोहा लेना भी कम न था। गुलामी के कालखण्ड से 1947 में देश बाहर निकला। करोड़ों वीरों का बलिदान ही हमें आजादी दिला पाया। आज विश्व को भारत तथा भारतीयता से अवगत करा रहे है भारत के यशस्वी जितेन्द्रीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जी। 2014 को जब वेे भारत के प्रधानमंत्री बने तब से लगातार विभिन्न समस्याओं के विश्व को कैसे उभारा जाये यह सब विश्व के मंचों पर जाकर बता रहे है। विश्व को स्वस्थ बनाने के लिए योग से जुड़ने का मंत्र दिया। 177 देशों ने इसे अपनाया। प्रतिवर्ष 21 जून को विश्व में योग दिवस मनाया जाता है। निरोगी जीवन की असीम क्षमता योग में छिपी है। अब विश्व को प्राकृतिक आपदाओं से मिलकर निपटने की कार्ययोजना भी बनानी चाहिए और जी-20 सम्मेलन में बात उठाई। मोदी जी ने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए एक मंच पर आये सदस्य देश। आपदाओं से तुरन्त निपटने के लिए सभी का आहवान किया। उन्होंने कहा कि आपदा कहीं पर भी आये इससे तुरन्त उभरने की जरूरत होती है। बड़ी तादात में लोग इसका दंश झेलते है जिनमें गरीब अधिक होते है। मोदी जी ने ऐसे बुनियादी ढांचे को तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया जो आपदा के बाद तेजी से वापस खड़ा किया जा सके। इससे विकास में मदद मिलेगी साथ ही आपदा के बाद होने वाली बरबादी भी कम होगी। मोदी जी के आह्वान पर ही अमेरिका को छोड़ शेष 19 देश पेरिस जलवायु समझौते पर साथ आए। सभी समझौते को पूरी तरह लागू करने पर सहमत हो गए। इस बार अमेरिका के विरोध पर कडे़ शब्दों में जीत दर्ज की गई है। जापान के ओसाका में हुए जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में मोदी जी ने सदस्य देशों के नेताओं के समक्ष आंतकवाद पर विश्व सम्मेलन बुलाने की बात कही। नरेन्द्र मोदी जी के इस प्रस्ताव का कई देशों ने जोरदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जी-20 देशों के अन्य नेताओ ने आंतकवाद एवं चरमपंथ को धन मुहैया करने और उन्हें प्रोत्साहन देने में इंटरनेट के इस्तेमाल पर रोक लगाने का संकल्प लिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इंटरनेट अवश्व ही खुला, मुफ्त और सुरक्षित रहना चाहिए। इन सब बातों के साथ साथ प्रधानमंत्री मोदी ने जी 20 शिखर सम्मेलन में भारत की पारंमपरिक चिकित्सा पद्धति योग और अपनी सरकार की ''आयुष्मान भारत'' स्वास्थ्य योजना का जिक्र भी किया। मोदी जी से मिकलर गदगद हुए माँरिसन बोले ''कितने अच्छे है मोदी'' भारत के प्रधानमंत्री मोदी तथा आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काॅट मांरिसन ने कुछ वक्त निकालकर एक दूसरे से मुलाकात की। मोदी जी के साथ माॅरिसन ने सेल्फी ली जिसे कितने अच्छे है मोदी के कप्सन के टिवटर पर पोस्ट किया। जी- 20 शिखर सम्मेलन में सभी नेताओं ने मोदी जी के जनकल्याणकारी विश्व का मंगल करने वाले आह्वानों का स्वागत किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं में पांच ''ए'' का उल्लेख किया ये है सुलभ, सस्ती, उचित, जबाबदेह और अनुकूल। 2020 में अगला जी-20 शिखर सम्मेलन साऊदी अरब के रियादशहर में 21-22 नवम्बर को होगा।